कड़ाके की ठंड में झाड़ियों में तड़पती मिली नवजात, मां की निष्ठुरता ने रुलाया, ग्रामीणों की मानवता ने बचाई जान
हजारीबाग के धरमपुर गांव में एक नवजात बच्ची झाड़ियों में लावारिस मिली। कड़ाके की ठंड में तड़पती बच्ची को ग्रामीणों ने देखा और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाय ...और पढ़ें

कड़ाके की ठंड में झाड़ियों में तड़पती मिली नवजात
संवाद सूत्र,टाटीझरिया (हजारीबाग)। प्रखंड के धरमपुर गांव में शनिवार की सुबह मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई। यहां धरमपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र के पीछे झाड़ियों में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली। कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के नीचे तड़पती इस मासूम को देखकर इलाके में सनसनी फैल गई। निष्ठुर मां की इस करतूत ने हर किसी की आंखों में आंसू ला दिए।
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह जब कुछ ग्रामीण स्वास्थ्य उपकेंद्र के पीछे से गुजर रहे थे, तब उन्हें झाड़ियों में हलचल महसूस हुई। शुरुआत में लोगों को लगा कि कोई मृत नवजात है, लेकिन पास जाने पर बच्ची के धीमे-धीमे रोने की आवाज सुनाई दी।
ठंड में रहने के कारण बच्ची की स्थिति काफी गंभीर
यह खबर आग की तरह फैली और देखते ही देखते ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ में मौजूद धरमपुर निवासी बिरेन्द्र हलवाई (पिता बलराम हलवाई) ने तुरंत बच्ची को अपनी गोद में उठा लिया। रात भर ठंड में रहने के कारण बच्ची की स्थिति काफी गंभीर थी।
बिरेन्द्र के घर पर प्राथमिक देखभाल के बाद धरमपुर मुखिया प्रतिनिधि अशोक यादव ने सक्रियता दिखाई और बच्ची को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल हजारीबाग ले गए, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उसका उपचार चल रहा है।
बीडीओ ने लिया संज्ञान, सीडब्ल्यूसी को सौंपी गई बच्ची
घटना की सूचना मिलने के बाद टाटीझरिया बीडीओ सह सीओ रश्मि खुशबू मिंज सदर अस्पताल पहुंचीं और बच्ची का हाल-चाल जाना। प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत बीडीओ ने नवजात को बाल कल्याण समिति, हजारीबाग को सौंप दिया।
मौके पर बिरेन्द्र हलवाई ने बच्ची के पालन-पोषण की इच्छा जताई, जिस पर बीडीओ ने स्पष्ट किया कि सरकारी नियमों के तहत पहले बच्ची समिति के पास जाएगी, उसके बाद कानूनी गोद लेने की प्रक्रिया के जरिए ही उसे किसी को सौंपा जा सकेगा।
फिलहाल प्रशासन मामले की छानबीन कर यह पता लगाने में जुटे हैं कि बच्ची को वहां किसने छोड़ा। इस घटना को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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