Neet UG Paper Leak Case: Any Desk से बाहर भेजे गए थे प्रश्नपत्र और हल किए गए उत्तर, CBI की जांच में हुआ खुलासा
नीट पेपर लीक मामले में सीबीई की जांच जारी है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में एक और नया खुलासा किया है। बता दें कि नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार के बाद ये जानकारी सामने आई है। बता दें कि प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोह के लोगों ने पकड़ में नहीं आने के लिए तकनीक का उपयोग किया था।
विकास कुमार, हजारीबाग। Neet Paper Leak Case पांच मई को आयोजित नीट परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने में गिरोह के लोगों ने भरसक प्रयास किया था कि वह सुरक्षा व तकनीकी जांच के बाद भी वह पकड़ में न आ सकें।
हालांकि उनकी साजिश कामयाब नहीं हुई। नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी सीबीआई की जांच में अब मामले की परतें एक-एक कर खुल रही हैं।
अभी तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि प्रश्नपत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से ही गायब हुआ था। प्रश्नपत्र और हल किए गए उत्तर एक जगह से दूसरी जगह तक भेजने के लिए शातिरों ने उपकरणों के उपयोग में भी सावधानी बरती थी।
फाइल ट्रांसफर करने के लिए लिया गया एनीडेस्क का सहारा
फाइल ट्रांसफर करने के लिए मोबाइल, वाट्सएप आदि का उपयोग करने के बजाय एनी डेस्क का सहारा लिया गया था। हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के लैब में लगे कंप्यूटर के इस्तेमाल से प्रश्नपत्र पटना और अन्य जगह पहुंचे थे।
सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि कंप्यूटर में ऐनी डेस्क का इस्तेमाल कर फाइलें ट्रांसफर की गईं। प्रश्नपत्र परीक्षा के दिन ही लीक हुआ था।
क्या है एनी डेस्क?
बता दें कि एनी डेस्क ऐसा साफ्टवेयर है, जिसकी मदद से हम कहीं भी बैठकर ऑनलाइन दूसरे के मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को संचालित कर सकते हैं।
गिरोह के लोगों ने हजारीबाग और पटना समेत अलग-अलग शहरों के गेस्ट हाउस में दर्जन भर से अधिक मेडिकल छात्रों को प्रश्नपत्र हल करने के लिए लगा रखे थे।
प्रशनों को हल करवाने के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा के प्रश्न और उत्तर उपलब्ध करा दिए गए थे। जिन अभ्यर्थियों से डील हुई थी, उन्हें पहले ही गेस्ट हाउस में लाकर रखा गया था।
प्रति छात्र लगभग 15-15 लाख रुपये की डील होने की बात अबतक की जांच में सामने आई है। पेपर लीक मामले में सीबीआई हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्राचार्य और उपप्राचार्य को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
हजारीबाग से एक पत्रकार और एक गेस्ट हाउस संचालक की भी गिरफ्तारी हुई है। ये सभी परीक्षा के दौरान, उससे पहले और परीक्षा के बाद लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे। गिरफ्तार लोगों से सीबीआई लगातार पटना में पूछताछ कर रही है।
गिरफ्तारी से पहले सामने आ चुकी थी पूरी कहानी
हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में परीक्षा के दिन सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच प्रश्नपत्र लीक हो गया था। सीबीआई की टीम जब ओएसिस पहुंची थी तो उनकी जांच पहले प्रश्नपत्र के बक्से और लिफाफे तक ही सीमित थी, क्योंकि जांच में बक्से और लिफाफे में छेड़छाड़ के प्रमाण शुरुआत में ही मिल गए थे।
जांच आगे बढ़ी तो सीबीआई की टीम ने स्कूल के कंप्यूटर लैब को खंगाला, जहां एक कंप्यूटर में ऐनी डेस्क साफ्टवेयर डाउनलोड पाया गया। फॉरेसिंक टीम ने जब इसकी हिस्ट्री निकाली तो पाया कि इसका इस्तेमाल पांच मई को किया गया था।
इसके बाद स्कूल के प्राचार्य व एनटीए के सिटी को-आर्डिनेटर एहसान उल हक व उप प्राचार्य मो. इम्तियाज आलम से सख्ती से पूछताछ की गई थी। इसके बाद स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन का नाम सामने आया। पूछताछ में पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद ही तीनों की गिरफ्तारी सीबीआई की टीम ने की थी।
राजकुमार और पंकज को लेकर फिर हजारीबाग पहुंची सीबीआई
हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से नीट पेपर लीक होने का पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद सीबीआई के टीम ने हजारीबाग में दोबारा दबिश दी है। बुधवार को ओएसिस स्कूल में टीम द्वारा छानबीन की।
इसके बाद गुरुवार को चार गाड़ियों से बिहार पुलिस के साथ सीबीआई रामनगर स्थित राज गेस्ट हाउस पहुंची। यहां भी तीन घंटे छानबीन की गई। सीबीआई यहां पटना से दो संदिग्धों को लेकर पहुंची थी।
बताया जा रहा है कि इनमें एक गेस्ट हाउस संचालक राजकुमार सिंह और दूसरा आरोपित पंकज कुमार था। सिविल इंजीनियर पंकज को ही मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उसपर ही ओएसिस स्कूल के प्राचार्य तथा उप प्राचार्य की मदद से प्रश्न पत्र चोरी करने का आरोप है।
सीबीआई ने गुरुवार को दोबारा गेस्ट हाउस के एक-एक कमरे की तलाशी ली गई। जांच के बाद गेस्ट हाउस को दोबारा सील कर दिया। परीक्षा के एक दिन पहले इसी गेस्ट हाउस में छात्रों को ठहराया गया था। करीब 20 से 25 छात्रों के यहां रुकने की बात सामने आई है।
सॉल्व करवाने के बाद उन्हें नीट परीक्षा की तैयारी कराई जा रही थी। कुछ ब्लूट्रूथ डिवाइस भी यहां से जब्त किए गए थे। टीम कुछ छात्रों के एडमिट कार्ड लेकर भी पहुंची थी।
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