प्रेम प्रसंग में हुई थी एमआर की हत्या, मौसेरी भाभी ने रची थी साजिश
संवाद सूत्र चरही (हजारीबाग) चरही पुलिस ने एमआर रंजीत मंडल हत्याकांड का पर्दाफाश कर लिया है।
संवाद सूत्र चरही (हजारीबाग) : चरही पुलिस ने एमआर रंजीत मंडल हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए हत्यारोपित भाभी सहित तीन लोगों को गुजरात से गिरफ्तार किया है। रंजीत की हत्या प्रेम प्रसंग के कारण हुई। साजिश कर्ता उसकी अपनी मौसेरी भाभी है, जिसके साथ उसके अवैध संबंध थे। भाभी मालती का अन्य पुरुषों से संबंध का भेद न खुल जाए, इसलिए उसने अपने देवर की ही हत्या कर देन की साजिश रची और अपने हीं एक प्रेमी दीपक बारवा और पति अर्जुन मंडल को उसने इस कार्य के लिए प्रेरित किया। यह खुलासा बुधवार को चरही थाना प्रभारी ओम प्रकाश पांडेय ने किया है। प्रेसवार्ता में पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 8 अक्टूबर को चरही थाने की पुलिस ने थाना क्षेत्र के चौदह माइल के समीप हाइवे से अज्ञात शव बरामद किया था। पोस्टमार्टम के दौरान रंजीत के भाई सरिया निवासी शिवकुमार मंडल ने विकास कुमार मंडल, मौसेरे भाई अर्जुन मंडल और उसकी पत्नी मालती देवी मामला दर्ज करवाया था। जांच में जानकारी मिली की रांची में रहकर एमआर का काम करने वाले रंजीत मंडल फरवरी माह में गुजरात के बड़ौदा गया था। अपने मौसेरा भाई अर्जुन मंडल के घर में रहने के दौरान उसकी पत्नी मालती देवी से अवैध संबंध हो गए। मालती का पूर्व से बडौदा, गुजरात निवासी दीपक बारवा के साथ अवैध संबंध थे। दीपक अर्जुन मंडल का दोस्त है। इसकी जानकारी रंजीत मंडल को हो गई थी। जब रंजीत सरिया आ गया तो अर्जुन मंडल और उसकी पत्नी मालती देवी को लगा कि दीपक के साथ गलत संबंध की जानकारी परिजनों के पास पहुंचा देगा। पूरे मामले में उसे रास्ते से हटाने की योजना मालती ने अपने प्रेमी के साथ बनाई और दबाव बनाकर पति को शामिल कर लिया।
---------------------------------- पति और प्रेमी पर दबाव बनाकर भेजा रांची
मालती ने प्रेमी दीपक बावरवा और पति अर्जुन पर दबाव बनाकर उन्हें रांची भेजा । रंजीत रांची के चुटिया में रहकर एमआर का काम करता था। दोनों गुजरात से वाहन नंबर जीजे 06 पीबी 8720 से रांची पहुंचे। योजना के मुताबिक वे रंजीत के घर हीं जमीन खरीदने के बहाने रुके। सात अक्टूबर की रात तीनों ने जमकर शराब पी। इस दौरान अर्जुन ने अपने मौसेरे भाई रंजीत मंडल को बाहर चलने का बहाना बनाकर गाड़ी पर बैठा लिया। रंजीत कार की अगले सीट पर बैठा। अर्जुन कार चला रहा था जबकि दीपक पिछली सीट पर बैठ गया। रामगढ़ रोड में टोल प्लाजा पार करने के बाद दीपक आगे बैठे रंजीत को गले में रस्सी से दबा दम घोट कर मार दिया। इस दौरान रंजीत के शव को रास्ते में फेंकने का मौका नहीं मिला। सुबह होने वाली थी, जिस कारण जल्दीबाजी में चरही थाना क्षेत्र के चौदह माइल के समीप शव को फेंक दोनों गुजरात के बडौदा पहुंच गए। एसपी द्वारा गठित टीम में गठित टीम में एसआई निरंजन प्रकाश, भुवनेश्वर महतो आदि की भूमिका सराहनीय रही।