Jharkhand News: प्रशासन ने तिरंगा फहराकर खत्म कराया धार्मिक झंडे का विवाद
केरेडारी थाना क्षेत्र के बेलतू बाजार टांड़ में धार्मिक झंडे को लेकर विवाद के बाद धार्मिक झंडों को हटाकर तिरंगा फहराया गया। फिर राष्ट्रगान हुआ और सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने तिरंगे को सलामी दी। 5 जून को शिव प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के दौरान हिंदू समुदाय द्वारा स्थल पर भगवा ध्वज लगाया गया था। फिर मुस्लिम समुदाय द्वारा मोहर्रम झंडा लगाए जाने से क्षेत्र में तनाव फैल गया।

संसु, केरेडारी (हजारीबाग)। केरेडारी थाना क्षेत्र के बेलतू बाजार टांड़ में धार्मिक झंडे को लेकर विवाद सोमवार को प्रशासन की सक्रियता के बाद शांत हो गया। विवादित स्थल पर लगे धार्मिक झंडों को हटाकर तिरंगा फहराया गया। फिर राष्ट्रगान हुआ और सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने तिरंगे को सलामी दी।
इसके साथ ही प्रशासन ने स्थल को ‘सुभाष चौक’ नाम देकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाने की घोषणा की। 5 जून को शिव प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के दौरान हिंदू समुदाय द्वारा स्थल पर भगवा ध्वज लगाया गया था। इसके बाद 5 जुलाई की रात मुस्लिम समुदाय द्वारा मोहर्रम का झंडा लगाए जाने से क्षेत्र में तनाव फैल गया।
दोनों धार्मिक ध्वज एक ही स्थान पर लगाए जाने से टकराव की स्थिति बन गई थी। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अब पांच से अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने और किसी भी प्रकार के जुलूस या सभा पर रोक लगा दी गई है।
पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील है। सोमवार को प्रशासन ने दोनों झंडों को हटाकर संबंधित समुदायों को लौटा दिया, जिसके बाद तिरंगा फहराया गया। मौके पर एसडीओ बैजनाथ कामती, एसडीपीओ पवन कुमार, बीडीओ विवेक कुमार, सीओ रामरत्न कुमार, सहित कई प्रशासनिक अधिकारी तथा दोनों समुदायों के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
विवाद के दौरान कर्बला मार्ग पर ग्रामीणों द्वारा बैरिकेडिंग लगा दी गई थी, जिसे अब हटा लिया गया है। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग अब कर्बला जाकर मोहर्रम पर्व का समापन कर रहे हैं।
बेलतू में बढ़ते तनाव को शांत करने के लिए हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल और बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी सोमवार को बेलतू जा रहे थे। लेकिन उन्हें सीकरी ओपी के पास ही रोक लिया गया। पुलिस ने धारा 163 का हवाला देते हुए दोनों जनप्रतिनिधियों को करीब साढ़े चार घंटे तक एनटीपीसी कार्यालय में नजरबंद रखा।
शाम छह बजे उन्हें रिहा किया गया। सांसद जायसवाल ने कहा कि वे शांति बहाल करने के उद्देश्य से जा रहे थे, अब प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को कोई क्षति न पहुंचे। विधायक चौधरी ने जनप्रतिनिधियों को रोकने की कार्रवाई को निंदनीय बताया।
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