Mamata Devi : ममता देवी को गोला गोलीकांड ने बनाया विधायक, अब छीन ली विधानसभा की सदस्यता
रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को गोला गोलीकांड के बाद हुई जेल ने राजनीति के मंच पर चमकाने का काम किया था। उनके जेल जाने पर जनता की पूरी सहानुभूति उन्हें मिली जो वोट में तब्दील हुई। उस वक्त ममता की बेटी महज दो साल की थी।
हजारीबाग, अरविंद राणा। रामगढ़ के दुलमी स्थित आईपीएल फैक्ट्री में 2016 में विस्थापित रैयतों ने 16 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलन को भाजपा नेता राजीव कुमार ने धार दी थी और रामगढ़ विधायक ममता देवी ने नेतृत्व किया था। उस वक्त वे गोला क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य थीं।
करीब एक माह तक चले आंदोलन में ममता देवी की सक्रिय भागीदारी रही थी। इसके बाद उग्र प्रदर्शन हुआ और पुलिस को अश्रु गैस के गोले के अलावा आत्मरक्षार्थ गोली चलानी पड़ी थी। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इस घटना के बाद भाजपा नेता राजीव जायसवाल और तत्कालीन जिला परिषद सदस्य ममता देवी को जेल जाना पड़ा था। ममता देवी और राजीव पर चार विभिन्न प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। इनमें दो गोला और दो रजरप्पा थाना में दर्ज किया गया था। ममता देवी जब जेल गई थीं, उस वक्त उनकी बेटी दो साल की थी।
ममता देवी के जेल जाने की घटना ने उनके जीवन को बदलकर रख दिया था। 2017-18 में वे क्षेत्र में प्रसिद्ध हो चुकी थीं और आंदोलनकारी नेता की उनकी छवि बन गई। 2019 में विधानसभा चुनाव हुए और वे कांग्रेस की प्रत्याशी घोषित की गईं। क्षेत्र में पकड़, आंदोलन और मां-बेटी के रिश्तों के भावनात्मक पहलू ने चुनाव में उन्हें लोकप्रिय बना दिया और परिणामस्वरूप वे चार बार के विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी को मात देकर विजयी हुईं।
...और छिन गई सदस्यता
जिस गोला गोलीकांड के बाद प्रसिद्धि के शिखर पर ममता देवी चढ़ीं, उसी कांड में आए कोर्ट के फैसले के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई। कोर्ट ने ममता देवी सहित अन्य को पांच साल की सजा सुनाई है। 10 हजार का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया। इसके बाद क्षेत्र में इस बात का चर्चा तेज हो गई कि जिस गोला गोलीकांड से वह हीरों बनी थीं, आज उसी ने उनकी विधानसभा सदस्यता छीन ली।
जेल में बंद ममता और बाहर खड़ी दो साल की बेटी की फोटो दिखाकर लिए थे वोट
विधानसभा चुनाव 2019 में ममता देवी ने जेल में बंद अपनी तस्वीर और बाहर खड़ी दो साल की बेटी की तस्वीर आगे कर आमजनों की भावनाओं को छुआ था। यह इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हुआ था। अब एक बार फिर 2022 में जब वह जेल गई हैं तो उसी तरह का एक और फोटो वायरल किया जा रहा है। जिसमें ममता देवी को जेल में और बाहर चार माह के उनके बेटे को दिखाया जा रहा है।
भाजपा थी सरकार में, विपक्ष दलों ने घेरा था सरकार को
2016 में जब गोला गोलीकांड हुआ था, उस वक्त राज्य में भाजपा की सरकार थी। घटना के बाद गोला में राजनीतिक जमावड़ा लगा था। वर्तमान में भाजपा नेता राजीव झारखंड विकास मोर्चा में थे और उस वक्त आंदोलन को समर्थन देने पूरा विपक्ष आया था। इनमें दिग्गज नेता बाबूलाल मरांडी, सुबोधकांत सहाय, प्रदीप यादव, भुनेश्वर प्रसाद मेहता सहित अन्य आए थे। एक बड़ी सभा हुई थी और लोगों ने 2019 में चंद्रप्रकाश चौधरी की जगह ममता को वोट देकर विजयी बनाया थी।