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    ACB ने पूछताछ कर छोड़ा तो ट्रेसलेस हुए हजारीबाग के जेल अधीक्षक, 36 घंटे बाद भी किसी से संपर्क नहीं

    By Arvind Rana Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 13 Oct 2025 05:16 PM (IST)

    हजारीबाग के जेल अधीक्षक, एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पूछताछ के बाद से लापता हैं। 36 घंटे से अधिक समय बीत चुका है और उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। पूछताछ के बाद अधीक्षक का अचानक गायब हो जाना चिंता का विषय है। पुलिस और एसीबी उनकी तलाश में जुटी हैं और मामले की जांच कर रही हैं।

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    एसीबी ने हजारीबाग जेल सुपरीटेंडेंट को पकड़ा।

    जागरण टीम, रांची/हजारीबाग। हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के अधीक्षक जितेंद्र कुमार 36 घंटे बाद भी ट्रेसलेस हैं। उनसे किसी का कोई संपर्क नहीं हो सका है। शनिवार की रात एसीबी हजारीबाग की टीम ने उनसे पूछताछ की थी और उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद से ही उनका अता-पता नहीं है। उनके परिवार के सदस्य भी जेल प्रशासन या जिला प्रशासन के संपर्क में नहीं हैं। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी अब तक किसी ने कहीं पर भी दर्ज नहीं कराई है और न हीं प्रशासन उन्हें खोजने में कोई रूचि ही ले रही है।

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    जेल निरीक्षणालय ने भी अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्हें डीसी हजारीबाग की रिपोर्ट का इंतजार है। डीसी हजारीबाग ने जेल में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक दंडाधिकारी स्तर के अधिकारी उप निर्वाचन पदाधिकारी मां देव प्रिया को उनके स्थान पर हजारीबाग सेंट्रल जेल के अधीक्षक का प्रभार सौंप दिया है, क्योंकि उस पद को विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से रिक्त नहीं रखा जा सकता है। जेल मुख्यालय ने जितेंद्र कुमार के निलंबन की सूचना को भी खारिज किया और बताया कि अब तक मुख्यालय के स्तर पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

    इधर, सूत्रों के अनुसार दो माह पूर्व एक बंदी, जो हत्या के आरोप में रिहा हुआ था, ने एसीबी को ईमेल भेजकर जेल अधीक्षक के भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी। उसने आरोप लगाया था कि जेल में आपत्तिजनक वस्तुओं की बिक्री, मोबाइल उपयोग के बदले वसूली, और यहां तक कि जेल का लोहा बेचने जैसी गतिविधियां चल रही थीं।

    जेल में बंद कारोबारी को मदद पहुंचाने का है आरोप

    जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार पर जेल में बंद कारोबारी विनय कुमार सिंह को मदद पहुंचाने का आरोप है। उनपर विनय कुमार सिंह को जेल में मोबाइल सहित विशेष सुविधा देने व उसके बदले में उपकृत होने का आरोप है। विनय सिंह को एसीबी ने हजारीबाग में जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। एसीबी को छानबीन के दौरान जेल में चल रही अनियमितता की सूचना मिली थी।

    इसी आधार पर एसीबी ने जितेंद्र कुमार को शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद देर रात उन्हें छोड़ा गया था। रविवार की सुबह से ही जितेंद्र कुमार का कुछ अता-पता नहीं चला। बताया जा रहा है कि एसीबी को छानबीन में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी है, जिससे बड़े खुलासे भी हो सकते हैं।

    मूल रूप से बिहार के मधुबनी के रहने वाले हैं जितेंद्र कुमार

    जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के निवासी हैं। कारा निरीक्षणालय के अधिकारियों ने उनके मामले में किसी भी तरह की जानकारी से इंकार किया। जेल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि हो सकता है जितेंद्र कुमार कहीं चले गए होंगे, उनके आने के बाद ही उनके गायब होने की असली कहानी सामने आ पाएगी। अगर वे गायब हैं तो हजारीबाग जिला पुलिस, जिला प्रशासन इस दिशा में कोई कदम उठाएगी, जेल मुख्यालय के स्तर पर इससे संबंधित कोई एक्टिविटी नहीं है।

    कुछ दिन पहले ही जेलर सहित 12 हुए थे निलंबित

    हजारीबाग सेंट्रल जेल में अनियमितता मामले में कुछ दिन पहले ही आइजी जेल ने वहां के जेलर सहित 12 कर्मियों व कक्षपालों को निलंबित किया था। अनुबंध पर कार्यरत छह सुरक्षाकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी थी। इस घटना के बाद से ही जेल की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कारोबारी विनय सिंह के बेटे व भाई को भी मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई है। जेल में आने-जाने वालों और आपूर्ति की जाने वाली सभी सामग्रियों की सघन जांच की जा रही है। हर पैकेट को खोलकर स्कैनिंग की जा रही है ताकि किसी भी तरह की अवैध वस्तु जेल के भीतर न पहुंच सके।