डंकी रूट से भेजा जाता था अमेरिका, नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी; इस तरह हुआ खुलासा
टाटीझरिया में अमेरिका में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक अमेरिकी नागरिक भी शामिल है। पीड़ितों को डंकी रूट से अमेरिका भेजा जाता था और उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी। एक पीड़ित ने बताया कि उसे बंधक बनाकर पैसे मांगे गए और वापस आने पर धमकाया गया।

संवाद सूत्र, टाटीझरिया(हजारीबाग)। जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र से अमेरिका में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी और मानव तस्करी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
मामला अंतरराष्ट्रीय गैंग से जुड़ा है, जो लोगों को फर्जी तरीके से विभिन्न देशों के माध्यम से अमेरिका भेजा करता है। जिसमें कई देश के लोग शामिल हो सकते हैं। भारत में भी इसका नेटवर्क काम कर रहा है।
इस मामले में टाटीझरिया थाना कांड संख्या 32/25 के अंतर्गत अमेरिका निवासी उदय कुमार कुशवाहा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह डंकी रूट के माध्यम से युवाओं को अवैध रूप से अमेरिका भेजने में संलिप्त था।
इस बाबत एक प्रेस वार्ता कर एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि टाटीझरिया के भराजो निवाशी सोनू कुमार, ने थाना में दर्ज शिकायत में बताया कि उदय कुशवाहा ने अमेरिका में नौकरी दिलाने का झांसा देकर वर्ष 2024 में उसे तथा दो अन्य युवकों विकाश कुमार (दर्शन प्रसाद का बेटा) और पिंटू कुमार (निवासी जरगा) को मोटी रकम लेकर अपने गैंग के माध्यम से दिल्ली से ब्राजील के लिए फ्लाइट में बैठाया।
वहां से उन्हें डंकी रूट से चोरी-छिपे कई देशों से होते हुए मैक्सिको तक पहुंचाया गया और अंततः अमेरिका के सैन डिएगो बॉर्डर पर अमेरिकी सीमा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बेटा को बचाने के लिए बाप ने बेची जमीन
जान बचाकर भारत पहुंचे सोनू ने बताया कि अमेरिका में प्रवेश दिलाने के नाम पर उदय कुशवाहा ने पिता से लगभग 45 लाख की रकम वसूली, जिसे उन्होंने अपनी पैतृक जमीन बेचकर चुकाया। पैसा उदय के सहयोगियों चोहान प्रसाद, शंकर प्रसाद, लालमोहन प्रसाद और दर्शन प्रसाद को दी गई थी।
जानकारी दी कि ब्राजील में गैंग के लोग उसे बंधक बनाकर रख लिया था। इसके बाद पैसा भेजने की बात कही। किसी तरह पैसे दिए तो फिर विभिन्न देश होकर जैसे ही अमेरिका बॉर्डर पहुंचा अमेरिका में गिरफ्तार हो गया।
उन्होंने बताया कि अमेरिका में चार महीने तक अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में बंद रहा और मार्च 2025 में भारत डिपोर्ट कर दिया गया। वापस आने पर जब उसने अपना पैसा मांगने का प्रयास किया, तो उसे उदय कुशवाहा और चोहान प्रसाद ने मारपीट कर धमकाया। इसके बाद सोनू ने डर के मारे टाटीझरिया थाना में लिखित शिकायत दी।
इसके बाद पूरा फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। बताया कि एक दर्जन से अधिक लोगों को ये लोग फर्जी तरीके से अमेरिका भेज चुके हैं।
इनकी हुई है गिरफ्तारी
- उदय कुमार कुशवाहा – मुख्य सरगना, वर्तमान में अमेरिका में निवासी
- दर्शन प्रसाद – बुध बाजार निवासी
- लालमोहन प्रसाद – केसडा निवासी
- चोहान प्रसाद – उदय का भाई, भराजो निवासी
- शंकर प्रसाद – उदय का साला, मेरु निवासी
बरामद सामान और दस्तावेज
- मोबाइल फोन जिनमें पीड़ित के साथ बातचीत के सबूत
- बैंक डिपॉजिट की रसीदें
- एक नोटबुक जिसमें डंकी से गए लोगों की सूची और रकम का हिसाब
- व्हाट्सएप चैट और ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट
पहले भी भेजे गए थे कई युवक
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि उदय कुशवाहा और उसके गिरोह ने 2013 से 2022 तक कम से कम 12 युवकों को इसी तरह डंकी रूट से अमेरिका भेजा है, जिनमें दिगंबर कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, नंदू कुमार, पप्पू कुमार, चंदन कुमार, संभु दयाल, पृथिवी राज उर्फ सोनू, संजय वर्मा, सुमन सौरभ, प्रवीण कुमार, अरुण कुमार और धीरज कुमार शामिल हैं।
पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक हजारीबाग ने बताया कि यह एक संगठित अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट है, जो अमेरिका में बसे आरोपियों के सहयोग से वर्षों से सक्रिय था। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और जल्द ही इस नेटवर्क की पूरी जड़ तक पहुंचा जाएगा।
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