Move to Jagran APP

VIDEO: 42 साल का इंतजार खत्‍म, CM रघुवर दास ने किया कोनार सिंचाई परियोजना का शुभारंभ

7 किमी अंडरग्राउंड टनल वाले कोनार सिंचाई परियोजना की शुरुआती लागत 11 करोड़ से बढ़कर अब 25 सौ करोड़ तक पहुंच गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 10:53 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 09:11 PM (IST)
VIDEO: 42 साल का इंतजार खत्‍म, CM रघुवर दास ने किया कोनार सिंचाई परियोजना का शुभारंभ
VIDEO: 42 साल का इंतजार खत्‍म, CM रघुवर दास ने किया कोनार सिंचाई परियोजना का शुभारंभ

हजारीबाग, जासं। हजारीबाग के लिए बुधवार तोहफों का दिन रहा। जहां चार दशकों से किसानों को मुंह चिढ़ा रही कोनार सिंचाई परियोजना का सपना जमीन पर उतर आया, वहीं प्रमंडल के उज्ज्वला लाभुकों के लिए अतिरिक्त सिलिंडर योजना की शुरुआत भी हुई। विष्णुगढ़ के बनासो के पास रखवा गांव में कोनार सिंचाई परियोजना के टनेल और मुख्य नहर के उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अब सीधे किसानों के खेतों तक पानी पहुंचेगा जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना साकार होगा।

loksabha election banner

सीएम ने कहा कि आजाद भारत के 70 सालों में जो काम नहीं हो सका था, उसे केंद्र और झारखंड की सरकार पूरा कर रही है। 2015 में मुख्यमंत्री बनने के साथ हमने तब के जल संसाधन मंत्री से मिलकर इस दशकों से अधूरी परियोजना को पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य किया। इसका परिणाम है कि टनेल के जरिए मुख्य केनाल में पानी छोड़ा जा सका है। इससे हजारीबाग, गिरिडीह व बोकारो के 85 गांवों के किसानों को मिलेगा पानी। अभी तक खेतों से एक फसल ले रहे किसान अब तीन फसल ले सकेंगे, उनकी आय बढ़ेगी।


कहा, पहले प्रदेश में 5 लाख हेक्टयर भूमि की सिंचाई की सुविधा थी। इसे विस्तार देकर 12 लाख हेक्टयर तक पहुंचा दिया गया है। सीएम ने केनाल में ऊपर सोलर पैनल लगाने का निर्देश दिया। इससे पटवन के साथ गांवों को बिजली भी मिलेगी। लगे हाथ सीएम ने लोगों को पानी बचाने के लिए भी प्रेरित किया। कहा, हम सभी इस समस्या का हल निकालने के लिए बरसात का पानी संग्रहित करना चाहिए। किसानों को मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत मिल रही नकद मदद का जिक्र करते हुए कहा कि प्रति एकड़ किसानों को सलाना पांच हजार रुपये डीबीटी के जरिए दी जा रही है। इस सुविधा से छूटे किसानों को जल्द इस योजना में शामिल करा सुविधा दिए जाने का निर्देश सभी डीसी को दिया गया है।

प्रत्येक महिला मंडल को दो गायें 90 फीसदी के अनुदान पर दी जाएंगी। इसमें 50 फीसदी अनुदान राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी बाकी का 40 फीसद केंद्र सरकार देगी। जो दूध उत्पादित होगा उसे मेधा डेयरी घर से उठा कर ले जाएगी। कार्यक्रम को जलसंसाधन मंत्री रामचंद्र सहित, कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी संबोधित किया। उपस्थित अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि 11.43 करोड़ की शुरुआती लागत वाली कोनार सिंचाई परियोजना की लागत 2019 में 2276.25 करोड़ हो गई है।

परियोजना एक नजर में : फैक्ट फाइल

  • 1977 में मिली प्रशासनिक स्वीकृति
  • 1978 में योजना की आधारशिला संयुक्त बिहार के तत्कालीन राज्यपाल जगरनाथ कौशल ने रखी
  • योजना की लागत 11 करोड़ 43 लाख थी
  • तीन बार योजना की लागत में संशोधन हुआ
  • 2019 में 2276.25 करोड़ लागत से तैयार हुई योजना
  • राज्य की सबसे लंबी सुरंग नहर 4.3 किमी
  • एक बार में 1700 क्यूसेक पानी छोडऩे की क्षमता।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.