IAS विनय चौबे के जमानत मामले में आया अपडेट, वकील ने कहा- जमीन घोटाला की प्राथमिकी में उनके नाम नहीं
आइएएस विनय चौबे की जमानत याचिका पर नया अपडेट सामने आया है। उनके वकील ने दावा किया है कि जमीन घोटाले की प्राथमिकी में उनका नाम नहीं है। वकील ने अदालत में यह तर्क पेश किया है, जिसके बाद जमानत पर सुनवाई जारी है। अदालत दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार कर रही है।

आइएएस विनय चौबे की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
संवादसूत्र, हजारीबाग। एसीबी सह जिला जज आशा देवी भट्ट की अदालत में सोमवार को आइएएस विनय चौबे की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। एसीबी द्वारा दर्ज प्राथमिकी संख्या 11/25 से संबंधित इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है।
अदालत ने मामले को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया है। जमानत पर फैसला बुधवार, 3 दिसंबर को सुनाया जाएगा। विनय चौबे अभी जेल में हैं। उनकी ओर से अधिवक्ता शंकर बनर्जी ने लगभग 30 मिनट तक बहस की। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में शुरू से विनय चौबे का नाम नहीं था।
बाद में सह–अभियुक्त अलका कुमारी को सरकारी गवाह बनाकर उनके बयान के आधार पर नाम जोड़ा गया है, जो साक्ष्य अधिनियम के विरुद्ध है। अधिवक्ता ने तर्क दिया हैे कि सह अभियुक्त को सरकारी गवाह बनाकर किसी का नाम जोड़ना सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ है।
म्यूटेशन मामले में उपायुक्त का हस्तक्षेप नहीं होता, इसलिए उनसे जोड़कर आरोप तय करना उचित नहीं। यह मामला 15 वर्षों से जांचाधीन है, फिर भी गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहराया जा सकता। अधिवक्ता बनर्जी ने प्राथमिकी में नाम जोड़े जाने का कड़ा विरोध किया और कहा कि आरोप पूरी तरह से निराधार है।
वारंटी को भेजा गया जेल
संवाद सूत्र जागरण चरही (हजारीबाग) । चरही थाने की पुलिस ने चरही थाना क्षेत्र के ग्राम बासाडीह निवासी अरुण महतो, पिता गोबिंद महतो को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने बताया कि अरुण महतो के पर कोर्ट से गैर -जमानती वारंट जारी हुआ है।
समन जारी होने के बाद भी वह अदालत में पेश नहीं हुआ। उसके ऊपर जी(एफ)454/2015, टीआर - 1055/25 का वारंटी होने के कारण गिरफ्तारी की गई। कई बार कोर्ट से समन जारी किए जाने पर फरार होने के कारण गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में सोमवार को विधिवत रूप से प्रस्तुत किया गया।

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