हजारीबाग दनुआ घाटी में भीषण हादसा, चालक घंटों केबिन में फंसा रहा
दनुआ घाटी में एक बार फिर भीषण सड़क दुर्घटना हुई। आगे जा रहा ट्रक के ब्रेक लगाने के बाद पीछे से आ रहा दूसरा ट्रक ने धक्का मार दिया। इस हादसे में ट्रक चालक बी चौधरीउत्तर प्रदेश निवासी बुरी तरह केबिन में फंस गया। करीब दो से ढाई घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।

संवाद सूत्र, चौपारण (हजारीबाग)। दनुआ घाटी में शुक्रवार को एक बार फिर भीषण सड़क दुर्घटना हुई। आगे जा रहा ट्रक के ब्रेक लगाने के बाद पीछे से आ रहा दूसरा ट्रक ने धक्का मार दिया।
इस हादसे में ट्रक चालक बी चौधरी,उत्तर प्रदेश निवासी बुरी तरह केबिन में फंस गया। करीब दो से ढाई घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।
घटना की सूचना मिलते ही चौपारण थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश मौके पर पहुंचे और राहत कार्य चलाया। गैस कटर, हाइड्रा मशीन और स्थानीय लोगों की मदद से चालक को सुरक्षित निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
प्राथमिक उपचार के बाद घायल चालक को गंभीर हालत में हजारीबाग रेफर कर दिया गया है। दनुआ घाटी बरसों से जानलेवा दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात रही है। घुमावदार रास्ते, ढलान, तेज रफ्तार और भारी वाहनों की आवाजाही ने इसे मौत की घाटी बना दिया है।
अब तक हजारों लोग यहां हादसों में जान गंवा चुके हैं, लेकिन दुर्घटनाओं की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही। बीते सप्ताह ही उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने भी घाटी का मुआयना किया था।
भगवान भरोसे चौपारण का सरकारी अस्पताल
दनुआ घाटी में लगातार हो रहे हादसों के बावजूद, चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बदहाल बनी हुई है। यहां आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था लगभग शून्य है।
वर्तमान में पांच विशेषज्ञ तथा एमबीबीएस चिकित्सकों की स्वीकृत पदस्थापना के बावजूद सिर्फ एक महिला चिकित्सक डॉ फरहाना महफुज कार्यरत हैं। वह प्रभारी भी हैं और फिलहाल अवकाश पर हैं। हाल ही में डॉ डीएन ठाकुर की पोस्टिंग हुई, लेकिन वे अब तक ज्वाइन नहीं कर सके।
हालत यह है कि गंभीर घायलों का इलाज आयुष चिकित्सक डॉ पंकज मेहता और डॉ दिनेश एकलव्य के भरोसे चलता है। विशेषज्ञ एमबीबीएस चिकित्सक की जगह मजबुरी में आयुष चिकित्सक एलौपैथ विधि से इलाज कर रहे हैं। केवल मरहम पट्टी कर प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है।
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