धोखाधड़ी कर पैसा निकाल लेने वाले बैंक कर्मी पर प्राथमिकी
2019 में पूरा होना था फिक्स 2013 में हीं कर दिए पैसे का दूसरे खाते में स्थानांतरण 17 मार्च 2
2019 में पूरा होना था फिक्स, 2013 में हीं कर दिए पैसे का दूसरे खाते में स्थानांतरण
17 मार्च 2012 को सात साल के लिए सत्येंद्र सिन्हा ने तीन लाख रुपए करा थे जमा
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया की मेन रोड शाखा प्रबंधक ने अपने हीं बैंक कर्मी नालंदा बिहार निवासी पवन कुमार के खिलाफ सदर थाने में धोखाधड़ी और हेराफेरी का मामला दर्ज कराया है। साइबर से ठगी से जुड़ा यह मामला उस समय सामना आया जब सदर थाना निवासी क्षेत्र निवासी सत्येंद्र कुमार सिन्हा ने अपने फिक्स डिपॉजिट की राशि परिपक्वता पूरा होने क बाद निकालने पहुंचे और बैंक ने उनका खाता शून्य पाया। प्राथमिकी में बैंक प्रबंधक शिल्पी रानी लकड़ा ने कर्मी पवन कुमार के उपर तीन लाख रुपए हेरफेर मामले में जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई है। सदर थाना को दिए आवेदन में बताया है कि 17 मार्च 2012 को बैंक ऑफ इंडिया के खाता से साढ़े तीन लाख सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा ने 7 वर्षों के लिए फिक्स डिपाजिट करवाया था। इस एवज में बैंक के द्वारा बांड पत्र दिया गया था। राशि परिपक्व 17 मार्च 2019 को होना था । परंतु जमा करता सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा 1 अक्टूबर 2020 को अपनी राशि लेने बैंक पहुंचे। बैंक ने जब डिपॉजिट पेपर से जांच किया तो पाया कि राशि परिपक्व होने से पूर्व ही इसे 6 मई 2013 को बैंक के एमडी डोरो पूर्ति के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है। जहां से उसे पवन कुमार के माध्यम से उनके आइडी पर बैंक चेक इंटर किया गया था। आवेदन में बताया गया कि बैंक ने पूरे मामले की जांच आंतरिक स्तर पर किया तो पाया कि इस मामले में बैंक कर्मचारी पवन कुमार की संलिप्तता है ।
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गबन के किसी अन्य मामले में पवन कुमार को पूर्व में किया जा चुका है बर्खास्त
पूरे मामले में गबन का दोषी बैंक कर्मी पवन कुमार पूर्व में बैंक द्वारा बर्खास्त किया जा चुका है। उस पर बैंक ने
रुपये वसूल करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूरे मामले में बैंक पवन द्वारा किए गए अन्य कार्यों की जांच कर रही है।