गजब! अब लग्जरी बस से होने लगी मवेशियों की तस्करी, जांच में 25 गोवंशीय बरामद; तस्करों की क्रूरता सुन कांप जाएगी रूह
Cattle Smuggling पशुओं की तस्करी के लिए तस्कर हर रोज नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। पहले पिक अप वैन ट्रक कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता था और अब तस्कर लग्जरी बस का इस्तेमाल होने लगा है। बस में सीट को हटाकर इसे केबिन का रूप दिया जा रहा है और पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए शीशों को महंगे पर्दों से ढक दिया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, चौपारण (हजारीबाग)। Cattle Smuggling : जीटी रोड पर दशकों से जारी गौ तस्करी पर बीते माह से पुलिस अंकुश लगाने में कुछ हद तक कामयाब हुई है। परंतु पुलिस सख्ती से निपटने के लिए तस्कर नित्य नये तरीके इजाद कर रहे हैं। पहले पिक अप वैन, ट्रक, कंटेनर से आगे बढ़ कर अब लग्जरी बस का इस्तेमाल पशुओं की तस्करी में हो रही है।
महंगे पर्दों से ढक दिए जा रहे शीशे
बस के अंदर बैठने के लिए बनाए गए सीट को हटाकर उसे बडे़ केबिन का रूप दिया जा रहा है। वहीं खिड़की को काले शीशे तथा महंगे पर्दे से ढक दिया जा रहा है।
बाहर से बस यात्रियों को ढोने वाले लग्जरियस प्रतीत होता है और अंदर उसमें वधशालाओं के लिए गौ वंशीय पशुओं को ढोया जा रहा है। तस्करी के इस नए तकनीक का खुलासा पुलिस ने किया है।
बिहार से लादकर बंगाल ले जाए रहे गौवंशी
इस संबंध में जानकारी देते हुए थाना प्रभारी दीपक सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई के दौरान बस को पकड़ा गया है। बताया कि तस्करों ने बस के कलर को चेंज कर आंख में धूल झोंकने का प्रयास किया परंतु पुख्ता सूचना तथा सख्ती के कारण बस पकड़ में आ गया है।
उन्होंने बताया कि एसपी को गुप्त सूचना मिली कि गौ तस्करों के नेटवर्क द्वारा बिहार से ब्लू रंग की राॅकी बस से बिहार से लादकर बंगाल वधशालाओं में गौ वंशीय पशु ले जाया जा रहा है।
जांच में बस से पच्चीस गौवंशीय बरामद
सूचना पर तत्काल एसपी ने थाना प्रभारी दीपक सिंह के नेतृत्व में अनि नीलेश रंजन, सअनि बादल महतो व सशस्त्र बल की टीम को बस पकड़ने को लगा दिया। झारखंड बिहार सीमा के चोरदाहा स्थित अंतरराज्यीय चेकपोस्ट पर चेकिंग अभियान चलाया गया।
इस दौरान पुलिस ने ब्लू रंग के बस को जांच के लिए रोकना चाहा परंतु चालक तेज गति से बस को भगाने लगा। पुलिस ने बस का पीछा किया परंतु चालक दनुआ घाटी में बस खड़ी कर जंगल की ओर कूद गया। जांच में बस में बेहद क्रूरता से पचीस गौवंशीय पशु पाए गए। सभी को रस्सी से बांधकर रखा गया था।
तस्करों ने क्रूरता की सारी हदें की पार
क्रूरता इतनी अधिक थी कि रस्सी के खिंचाव से एक पशु की मौत हो गई जबकि सभी की गर्दन और नाक से खून रिस रहे थे। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि बस में अलग-अलग अठारह फर्जी नंबर प्लेट रखे हुए हैं।
बस में बीआर 02 एपी 4852 अंकित है जबकि जांच में वाहन का असली नंबर बीआर 02 एएम 6786 पाया गया। उक्त वाहन दानिश रजा, आमस,गया, बिहार के नाम से रजिस्टर्ड है।
पुलिस ने बरामद सभी पशुओं को मयूरहंड गौरक्षणी भेज दिया। वहीं एक मृत पशु का पोस्टमार्टम करवाने की जानकारी दी गई। थाना प्रभारी दीपक सिंह ने बताया कि इस तस्करी में लिप्त लोगों की पहचान हो रही है। सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि थाना प्रभारी के रूप में दीपक सिंह के पदभार बीते दो माह से लगातार पशु तस्करी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में पुलिस की कार्रवाई से क्षेत्र के आमलोगों में खुशी देखी जा रही है, वहीं तस्करों के नेटवर्क में हड़कंप मच गया है।
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