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    हजारीबाग में भारी बारिश जनजीवन अस्त-व्यस्त; छड़वा डैम का फाटक टूटा, कई कच्चे मकान गिरे

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:20 AM (IST)

    हजारीबाग में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। निचले इलाकों में पानी भरने और कच्चे मकान ढहने से लोगों को परेशानी हुई है। छड़वा डैम का फाटक टूटने से मछलियां बह गईं। सड़क धंसने से हजारीबाग और चतरा का संपर्क टूट गया। चंद्रू फॉल में फंसे युवकों को बचाया गया। सब्जी फसलों को नुकसान हुआ है जबकि धान की फसल को लाभ हुआ है।

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    हजारीबाग में बारिश से हहाकार, कई कच्चे मकान गिरे। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, हजारीबाग। बीते दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जिले में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर के कई निचले इलाकों जैसे विष्णुपुरी, शिवदयाल नगर, शिवपुरी, यशवंत नगर, बैंक कॉलोनी, हुडहुडू आदि में कई घरों बारिश का पानी भर गया।

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    वहीं जिले के कई प्रखंडों में बारिश के कारण कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। इधर शहर के नजदीक पेलावल थाना क्षेत्र अंतर्गत छड़वा डैम में जलस्तर क्षमता 30 फीट से ऊपर पहुंच गया, जिससे डैम के आउटलेट के ऊपर से पानी बहने लगा।

    पानी के तेज बहाव के कारण डैम का एक फाटक टूट गया, जिससे बड़ी संख्या में मछलियां बह गईं। मछली पकड़ने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्हें पुलिस प्रशासन ने सख्ती से हटाया।

    इधर कटकमसांडी प्रखंड के कंडसार नवादा के नरियाही आहर के पास एक सड़क धंस गई जिससे दो जिलों यानी हजारीबाग और चतरा का आवागमन प्रभावित हो गया।

    वहीं दूसरी ओर विष्णुगढ़ प्रखंड के चंद्रू फॉल में बारिश और पानी के तेज बहाव के कारण चार युवक फंस गए जिन्हें डीवीसी प्रबंधन की तत्परता से सुरक्षित बचा लिया। लगातार बारिश के कारण सब्जी फसल को भारी नुकसान पहुंचा, जबकि धान फसल अब भी फायदे में रही।

    30 फीट क्षमता से अधिक हुआ छड़वा डैम का पानी

    डैम कर्मियों ने बताया कि डैम की अधिकतम क्षमता 30 फीट है, लेकिन लगातार बारिश से जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है।दो महीने पहले ही सभी सात फाटकों को खोलकर जलस्तर कम करने की कोशिश की गई थी, लेकिन काना और हथिया नक्षत्र के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने डैम को भर दिया।

    करीब 100 एकड़ में फैले इस डैम के आसपास का क्षेत्र पानी में डूब चुका है। डैम से मछलियों के बहने की खबर फैलते ही आसपास के सैकड़ों लोग मछली पकड़ने दौड़ पड़े।

    वहीं, डैम से बहाव को देखने के लिए आस-पास के कई गांवों जैसे कंचनपूर, खुटरा, धरहरा, डुकरा, जैलमा, रोमी, अतिया, गदोखर, बलियंद, हेदलाग आदि के भी भारी संख्या में लोग पहुंचे, जिससे प्रशासन को सुरक्षा के मद्देनज़र फाटक तक आवाजाही पर रोक लगानी पड़ी।

    कंडसार नवादा के नरियाही आहर के पास सड़क धंसी, दो जिलों का आवागमन प्रभावित

    प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग को चतरा जिला को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश से कंडसार पंचायत के नवादा गांव के पास नरियाही आहर के पास गार्डवाल टूट कर बह गया जबकि सड़क धंस गया।

    कटकमसांडी प्रखंड के चतरा जाने वाले सड़क का एक बड़ा हिस्सा बारिश और जल निकासी की समस्या के कारण ध्वस्त हो गया है।

    नवादा गांव स्थित नरियाही आहर के पास लगभग 500 फीट लंबी सड़क धंस गई है। स्थानीय मुखिया वीणा देवी, पूर्व मुखिया रामकुमार मेहता, वार्ड सदस्य बासुदेव राम का कहना है कि इस सड़क पर रोजाना लगभग 100 से अधिक वाहनों का आवागमन होता है, जिसमें स्कूल बसें भी शामिल हैं।

    उन्होंने सांसद और जिला प्रशासन से शीघ्र सड़क निर्माण करवाने की मांग की है। इस बाबत हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि स्थानीय मुखिया से सड़क टूटने की जानकारी मिली है। दो जिलों को जोड़ने वाले यह मुख्य मार्ग है इस परिस्थिति में जल्द से जल्द सड़क की मरम्मति कराने का काम किया जाएगा।

    चंद्रू फॉल में फंसे चार युवक, डीवीसी प्रबंधन की तत्परता से बची जान

    प्रखंड के नरकी पंचायत अंतर्गत चंद्रू ताल में मछली पकड़ने गए बाजे गांव के चार युवक राकेश सोरेन (पिता-लालू सोरेन), उपेंद्र, टेकलाल और राजेंद्र गंझू (पिता-किटा गंझू) कोनार नदी में फंस गए।

    बुधवार शाम ये युवक बाइक से फॉल पहुंचे थे और नदी के बीच एक बड़े पत्थर पर जाकर मछली पकड़ रहे थे। अचानक पानी का बहाव तेज होने से वे वहीं फंसे रह गए।

    देर रात तक घर न लौटने पर परिजन उनकी खोज में निकले। उन्होंने मुखिया के पुत्र अशोक गंझू को सूचना दी। इसके बाद विष्णुगढ़ थाना प्रभारी सपन कुमार महथा के निर्देश पर अरजरी पिकेट प्रभारी चंदन सिंह ने तत्काल कोनार डैम परियोजना के प्रमुख राणा रणजीत सिंह को जानकारी दी।

    डीवीसी प्रबंधन के अधिकारी गोपाल महतो ने उच्चाधिकारियों से संपर्क कर रात 10 बजे डैम का गेट बंद करवाया, जिससे नदी का बहाव कम हुआ। इसके बाद रात 1:30 बजे चारों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। ग्रामीणों और परिजनों ने डीवीसी प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।

    बारिश के कारण सब्जी फसल को पहुंचा भारी नुकसान

    दो दिनों में लगातार हुई बारिश के कारण जिले भर में कई कच्चे मकान ढह गए। कई स्थानों पर सड़कों पर फिसलन होने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

    इधर लगातार बारिश के कारण जिले के कई कृषि प्रधान प्रखंड जैसे ईचाक, कटकमसांडी, बडकागांव, केरेडारी आदि में सब्जी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। विशेषकर आलू, प्याज, धनिया, टमाटर, बैंगन, गोभी और साग फसल को नुकसान पहुंचा है।

    हालांकि, धान की खड़ी फसल अब भी फायदे में है। इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिर्की ने कहा कि इस बारिश से धान फसल को लाभ ही हुआ है जबकि आगामी रबी खेती के लिए जमीन में नमी का लाभ हुआ है। हालांकि सब्जी फसल को इस बारिश का नुकसान हुआ है।

    दुर्गा पूजा के दिन हुई 124. 6 एमएम बारिश, दुकानदारों की बिक्री प्रभावित

    पिछले कुछ दिनों से हो रही झमाझम बारिश का असर पर्व त्यौहार पर लगने वाले मेले ठेले पर भी हुआ। इस बारे में उपरावं भूमि चावल अनुसंधान केंद्र मासीपीढी से जानकारी मिली कि इस बार अलग अलग स्थानों में बारिश में काफी उतार चढ़ाव देखा गया।

    केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार दुर्गा पूजा के दिन यानी पहली अक्टूबर को 124. 6 एमएम बारिश हुई। इससे विशेषकर मेले में अस्थायी दुकानदारों और मेले ठेले वालों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई।

    हालांकि, दहशरा के दिन यानी दो अक्टूबर को अपेक्षाकृत रूप से कम यानी 48.8 एमएम ही बारिश हुई जिससे लोगों दशहरा मेले में उमड़ पड़े। इससे मेले में अस्थायी दुकानदारों और मेले ठेले वालों की जमकर बिक्री भी हुई।