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    हजारीबाग जमीन घोटाला: ACB ने पूर्व सीओ शैलेश कुमार को किया गिरफ्तार, डीसी पर भी लटकी तलवार

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 09:53 AM (IST)

    हजारीबाग में सरकारी जमीन घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन सीओ शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया। उन पर फर्जी कागजात बनाकर सरकारी जमीन बेचने का आरोप है। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस मामले में तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे की भूमिका भी संदिग्ध है। एसीबी अब मामले की जांच कर रही है।

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    पूर्व सीओ शैलेश कुमार गिरफ्तार

    संवाद सहयोगी, हजारीबाग। हजारीबाग में सरकारी जमीन की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़े बहुचर्चित जमीन घोटाला मामले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई हुई। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को तत्कालीन सदर सीओ शैलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी रांची से की गई, जिसके बाद उन्हें हजारीबाग कोर्ट में पेश किया गया। 

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    न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के उपरांत उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है। आरोपित ने कोर्ट में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। बताया कि बीपी की शिकायत है। मेरा इलाज चल रहा है। लेकिन कोर्ट ने जेल में इलाज कराने की सलाह के साथ उन्हें जेल भेज दिया।

    यह पूरा मामला तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे से जुड़ा हुआ है। उनके कार्यकाल के दौरान ही जमीन से जुड़ा यह खेल किया गया था। एसीबी अब मामले में तत्कालीन उपायुक्त को अभियुक्त बना सकती है।

    ज्ञात हो कि इस प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण वाद संख्या 11/2025 के तहत कुल 73 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, जिनमें से 68 नामजद हैं। मामला 25 सितंबर 2025 को दर्ज किया गया था। 

    फर्जी कागजात बनाकर अवैध तरीके से खरीद-बिक्री

    आरोप है कि सरकारी भूमि भूदान, वन भूमि, गोचर, गैर मजरूवा आम एवं खास को कुछ भू-माफियाओं द्वारा फर्जी कागजात बनाकर अवैध तरीके से खरीद-बिक्री कर जमाबंदी करा लिया गया। 

    एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420, 467, 468, 471, 120(बी) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) और 13(2) लगाई गई हैं। इस मामले में प्रमुख अभियुक्तों में तत्कालीन अंचल अधिकारी शैलेश कुमार, तत्कालीन अंचल अधिकारी अलका कुमारी, अंचल निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह, राजस्व कर्मचारी राम प्रकाश चौधरी और संतोष कुमार वर्मा सहित कई अन्य चर्चित नाम शामिल हैं।

    भाई की दुकान से 18 लाख नगद बरामद 

    गौरतलब है कि 11 सितंबर 2024 में भी एसीबी ने शैलेश कुमार के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की थी, जिसमें गिरिडीह स्थित उनके भाई की दुकान से 18 लाख नगद बरामद हुए थे। उस दौरान वे हजारीबाग में एसडीओ थे। 

    बताया जा रहा है कि शैलेश कुमार ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के सरकारी गवाह के रूप में एक अन्य प्रकरण में भी शामिल हैं। इससे पहले इस घोटाले में विनय सिंह और विजय प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। 

    अलका कुमारी 7 अक्टूबर को गिरफ्तार

    वहीं, अलका कुमारी को 7 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्होंने सरकारी गवाह बनने की सहमति दी और न्यायालय में धारा बीएनएस की धारा के तहत बयान दर्ज कराने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

     इस मामले के सूचक एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक सुमित सौरभ लकड़ा हैं। उन्होंने अपने बयान में बताया कि पत्रकार त्रिपुरारी सिंह द्वारा मुख्यमंत्री झारखंड को दी गई शिकायत के आधार पर यह मामला शुरू हुआ था। 

    शिकायत में कहा गया था कि सरकारी जमीनों पर भूमाफिया अवैध कब्जा और बिक्री कर रहे हैं। एसीबी की टीम अब इस घोटाले में शामिल अन्य अभियुक्तों की भूमि दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच कराने की तैयारी में है। वहीं, न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी है ।