हाथी ने हजारीबाग में मचाया आतंक, दो किसानों की कुचलकर ले ली जान, आधा दर्जन गांव के लोगों की सांसत में जान
दुमका से गिरिडीह के रास्ते हाथी हजारीबाग में प्रवेश करते हैं। हजारीबाग में चार महीने पहले 13 हाथियों का दल शहरी क्षेत्र से सटे मासीपीढ़ी वभैनवे पहाड़ में आ जमे थे। गांव के लोग अलर्ट हो गए थे जिसके कारण हाथियों ने किसी को कुछ भी नहीं किया।

हजारीबाग, संवाद सूत्र: दुमका से गिरिडीह के रास्ते हाथी हजारीबाग में प्रवेश करते हैं। हजारीबाग में चार महीने पहले 13 हाथियों का दल शहरी क्षेत्र से सटे मासीपीढ़ी वभैनवे पहाड़ में आ जमे थे। गांव के लोग अलर्ट होने के कारण किसी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। यह पहला मौका है जब हाथी शहर होकर खिरगांव प्रवेश किया और दो लोगों की जान ले ली।
रतजगा करते रहे ग्रामीण और वन कर्मी
हाथी आगमन की खबर के बाद पूरे दिन कचरा डंपिग यार्ड मैलाटाड़ से लगे छह गांव यशवंत नगर, हबीबी नगर, सिरसी दामोडीह, कूद और खिरगांव कुम्हारटोली क्षेत्र में दहशत रहा। रात भर इस क्षेत्र के लोग रतजगा करते रहे। वहीं हाथी पर नजर रख रहे वन विभाग के पदाधिकारी भी पूरी रात रतजगा करते रहे।
सुबह पांच से छह बजे किसान को लिया चपेट में
जानकारी के अनुसार, खेत पहुंचे किसान फसल खा रहे हाथी को नहीं देख सके थे। पहले बुधन को हाथी ने चपेट में लिया। इसके बाद शोर सुनकर पहुंचे बाबू साव, जब बुधन को चपेट में लेता देखा तो शोर मचाने लगा और भागने का प्रयास किया।
इस बीच वह अंधेरे में तेजी से नहीं भाग सका और खेत में गिर गया। हाथी ने उसे भी पटकर जान ले ली। करीब दो घंटे तक हाथी उसके शव के समीप ही रहा। आठ बजे के आसपास दो लोगों की मारे जाने की पुष्टि हुई। किसी तरह जब हाथी वहां से दूसरे स्थान पर झाड़ी में चला गया तो बाबू साव के शव को खेत से बाहर निकाला गया।
ग्रामीणों ने शोर कर भगाया
बताया जाता है कि उस वक्त खेत के समीप कई लोग शौच करने भी पहुंचे थे। वे लोग हल्ला सुनकर किसी तरह भागे और खिरगांव सहित अन्य मोहल्ले में पहुंचकर इसकी जानकारी दी। इसके बाद लोग जुट गए और शोर मचाकर हाथी को भगाने का प्रयास करने लगे।
विद्या मंदिर की तोड़ी चाहरदीवारी
गनीमत रही कि हाथी कुम्हारटोली स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर विद्यालय की चाहरदीवारी तोड़ कर वापस लौट गया। अगर वह सुबह सुबह शहर में प्रवेश कर जाता तो शायद बड़े पैमाने पर क्षति हो जाती। संभावना जताई जा रही है कि खिरगांव से निकलने के बाद हाथी सीधे कब्रिस्तान से होकर विद्या मंदिर रोड की तरफ चला गया।
वहां पर रिंकी कुमारी को चपेट में लेने से पूर्व चाहरदीवारी तोड़ दी। शायद उसे निकलने का रास्ता नहीं नही मिला तो वह लौट गया और खिरगांव श्मशान काली होकर वह नाला के समीप लगे खेत में चला गया।
झुंड से बिछड़ने के बाद हाथी हो जाता है हिंसक
वन विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, हाथी अपने झुंड से बिछड़ने के बाद उग्र हो जाता है। उसके बिछड़ने और भगा दिए जाने की भी संभावना होती है। जब उसे भगा दिया जाता है तब वह और अधिक उग्र हो जाता है, जिसके कारण वह लोगों पर जानलेवा हमला करता है। संभावना जताई जा रही है कि जब तक हाथी अपने झुंड व परिवार से नहीं मिलेगा तब तक वह लोगों पर जानलेवा हमला करता रहेगा। खिरगांव में भी लोगों को सतर्क करने में अधिकारी व कर्मी जुटे हुए है।
डीएफओ पश्चिमी हजारीबाग सबा आलम ने कहा कि परिजनों को प्राथमिक मदद दी गई है। घायल का इलाज कराया जाएगा। हाथी को सुरक्षित शहर से बाहर निकालने के लिए टीम को बुलाया जा रहा है। हाथी को लेकर विशेष योजना बनाई जा रही है। सुरक्षा के दृष्टि से हर एक उपाय किए जा रहे है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।