ड्यूटी से गायब मिले शिक्षा उपाधीक्षक सहित चार कर्मी, कटा वेतन, शोकाज
संवाद सहयोगी हजारीबाग उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद गुरूवार को औचक निरीक्षण में कर्मियों को गायब पाया गया।

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद गुरूवार को औचक निरीक्षण में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। उनके साथ प्रशासन की उच्च स्तरीय टीम भी थी। निरीक्षण के क्रम में शिक्षा उपाधीक्षक सहित चार कर्मी कार्यालय से गायब मिले है। अभिलेखों के जांच में भी कई त्रुटियां देखने को मिली है। उपायुक्त ने गायब रहने वाले अधिकारी सहित चार कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने और उन्हें कारण पृच्छा का निर्देश दिया है। उपायुक्त, पूरे दल बल के साथ गुरुवार को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय जांच करने पहुंचे थे। दल में डीडीसी अभय कुमार सिन्हा, डीईओ लुदी कुमारी व सदर एसडीओ विद्या भूषण कुमार शामिल थे। जांच में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के कागजातों व रजिस्टर, फाइल, बहीखाता का संधारण पूर्ण नहीं पाया गया । इतना ही नहीं बही, रोकड पंजी़ में अद्यतन प्रविष्टि भी जांच दल को नही मिला। लापरवाही पर उपायुक्त ने जमकर फटकार लगायी है। जांच अधिकारी सदर एसडीओ विद्या भूषण कुमार ने बताया कि कार्यालय में आकस्मिक अवकाश पंजी, बजट कंट्रोल पंजी गायब है। कार्यालय से प्रतिनियोजित शिक्षकों की संख्या, निलंबित शिक्षक, के अलावा शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई कार्रवाई इसकी भी कोई जानकारी नहीं मिली। जांच के दौरान एमडीएम का ऑडिट रिपोर्ट, आरटीआई से संबंधित सूचना संधारण की संचिका सहित वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक भी कैशबुक संधारण नहीं पाया गया है। उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही का निर्देश दिया है।
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एमडीएम की राशि भी कैशबुक में नहीं मिली दर्ज, अनियमित्ता की संभावना :
जांच में कार्यालय में कई और गंभीर मामले सामने आए है। जिसे जांच दल ने अनियमितता माना है। इनमें एमडीएम की आवंटित राशि का कैश बुक में नहीं लिखा जाना को गंभीर वित्तीय अनियमितता के श्रेणी में रखा गया है। हद तो तब हो गयी जब तीन माह पूर्व योगदान देने वाले नए डीएसई के योगदान के बाद मानिटरिग मैनेजमेंट एंड इवोल्यूशन व कैश बुक का रजिस्टर लिखा नहीं मिला। गड़बड़ी देख उपायुक्त ने विद्यालयों में बंटने वाले पूरक पोषाहार योजना के तहत अंडा, फल आदि वितरण का पासबुक व पंजी अपूर्ण रहने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अल्पसंख्यक विद्यालय का कैश बुक देखकर विद्यालयों के सचिव को की गई भुगतान के एवज में उपयोगिता प्रमाण पत्र भी मांगी।
जांच दल ने पाया कि उच्च स्तरीय/निदेशालय/राज्य स्तर से आने वाले महत्वपूर्ण पत्रों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है । फाइलों के जांच के पेंशन लंबित रखने के चार मामले सामने आए है। इसे लेकर भी कई सवाल जवाब किए गए। --------------------------
गोशाला की तरह दिख रहा था चेंबर, निजी व्यक्तियों से लिया जा रहा काम :
जांच के दौरान डीएसई कक्ष से लेकर कर्मियों का कक्ष देखकर उपायुक्त ने गंभीर टिप्पणी की है। कार्यालय चेंबर की स्थिति को देखकर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यालय के अधिकारी भी खानापूर्ति के लिए ही आते हैं। उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने व ऑफिस कार्यों के प्रति रुचि नहीं लेने पर उनसे स्पष्टीकरण की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर प्रपत्र-क गठन की भी कार्रवाई की जा सकती है। अंत में उन्होंने पूरे कार्यालय की कार्य संस्कृति में सुधार लाने का अल्टीमेटम देते हुए भविष्य में पुनरावृत्ति होने पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
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