बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या के साथ खून से रंगे हैं इनामी माओवादी सहदेव सोरेन का आपराधिक रिकॉर्ड, बिहार- झारखंड के लिए बना था आतंक का पर्याय
हजारीबाग के गिरहोर थाना क्षेत्र स्थित पनतीतरी जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया एक करोड़ का इनामी माओवादी सहदेव सोरेन का कुख्यात चेहरा सुर्खियों में है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या से लेकर गिरिडीह जेल ब्रेक मुंगेर एसपी की हत्या और कई नरसंहारों तक उसका आपराधिक इतिहास खून से रंगा हुआ है।

विकास कुमार, हजारीबाग। हजारीबाग के गिरहोर थाना क्षेत्र स्थित पनतीतरी जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया एक करोड़ का इनामी माओवादी सहदेव सोरेन का कुख्यात चेहरा सुर्खियों में है।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या से लेकर गिरिडीह जेल ब्रेक, मुंगेर एसपी की हत्या और कई नरसंहारों तक, उसका आपराधिक इतिहास खून से रंगा हुआ है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सहदेव पिछले दो दशकों से बिहार-झारखंड में नक्सली गतिविधियों का नेतृत्व करता रहा है।
बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या
2007 में गिरिडीह जिले के चंदनकियारी में नक्सलियों द्वारा अंजाम दिए गए भीषण हमले में बाबूलाल मरांडी के बेटे हेमंत मरांडी और भाई अनूप मरांडी की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
इस हमले में कुल 20 लोगों की जान गई थी। हमले के पीछे मास्टरमाइंड के तौर पर सहदेव का नाम सामने आया था।
होमगार्ड कैंप पर हमला और हथियार लूट
2004-05 में गिरिडीह के इंपख गांव के पास स्थित होमगार्ड कैंप पर नक्सलियों ने धावा बोला। इस हमले में 183 रायफलें लूट ली गईं, जो नक्सल हिंसा के लिए बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई।
बिहार में दहशत का पर्याय था मारा गया सहदेव
2006 में बिहार के बांका जिले में एसकेजी थाना पर हमला हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए। इसके बाद 1 जनवरी 2008 को मुंगेर में पुलिस गश्ती दल पर हमला कर 4 जवानों को शहीद कर दिया गया और हथियार लूटे गए। माओवादी सहदेव बिहार-झारखंड में दहशत का पर्याय बना था।
लखीसराय और मुंगेर में बड़े हमले
2011 में लखीसराय जिले में पुलिस पार्टी पर हमले में 10 जवान शहीद हुए और 35 हथियार लूट लिए गए। 2013 में मुंगेर के रेल प्रोजेक्ट पर हमला कर तीन सरकारी कर्मचारियों की हत्या की गई।
आइईडी ब्लास्ट और पुलिस मुठभेड़
2014 में जमुई में हुए आईईडी ब्लास्ट में दो सीआरपीएफ जवान शहीद हुए। 2018 में चतरा में हुई मुठभेड़ में एसएसबी का एक जवान शहीद हुआ।
हालिया हिंसा और ग्रामीणों की हत्या
23 दिसंबर 2021 को लखीसराय में सहदेव के दस्ते ने ग्रामीणों की हत्या कर एक बार फिर से दहशत फैला दी। पुलिस और खुफिया एजेंसियां वर्षों से सहदेव की तलाश में थी। उसके नाम दर्जनों वारंट थे।
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