Move to Jagran APP

Jharkhand: बजरंगबली हमारे देवता, नहीं बदलूंगी धर्म..., जब एक आदिवासी महिला के साहस ने रोक दिए ईसाई मिशनरियों पांव

झारखंड के हजारीबाग में दारु प्रखंड के एक दर्जन गांवों में कोरोना संकट के समय इसाई मिशनरियों का प्रवेश प्रारंभ हुआ था। कोविड काल में इनके द्वारा गांव-गांव भ्रमण कर संक्रमित लोगों की सहायता के नाम पर घर घर पहुंचे थे। यहां से इनका खेल प्रारंभ हुआ था।

By arvind ranaEdited By: Mohit TripathiPublished: Sat, 14 Oct 2023 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2023 07:35 PM (IST)
भाजपा और आरएसएस छोड़ मतांतरण के खिलाफ कोई नहीं उठाता आवाज। (सांकेतिक फोटो)

अरविंद राणा, हजारीबाग।  झारखंड के हजारीबाग में दारु प्रखंड के दर्जनभर गांवों में कोरोना काल में इसाई मिशनरियों का प्रवेश शुरू हुआ था। दैनिक जागरण ने 16 अगस्त को 2021 को विस्तार से खबरें प्रकाशित कर दारु प्रखंड में चल रहे मतांतरण के इस खेल का भंडाफोड़ किया था। जागरण के प्रयासों से ही पहली बार मतांतरित हो चुके 10 परिवार 11 सितंबर 2021 को घर वापसी की थी।

loksabha election banner

दारु के चुरचू गांव में 75 वर्षीय मंझली मंराडी के विरोध के बाद मतांतरण का मामला सामने आया था। उसके दोनों बेटे और एक बहु इसाई बन गए थे। इसके बाद उस पर भी मतांतरण का दबाव था। इसके बावजूद इसके उसने मतांतरण करने से मना कर दिया था।

बजरंगबली हमारे देवता, नहीं बदलूंगी धर्म

मंझली मंराडी ने कहा था कि बजरगंल बली हमारे देवता हैं। किसी भी सूरत में मैं अपना धर्म नहीं बदलूंगी। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया।

इसके बाद दैनिक जागरण ने लगातार इस पूरे खेल को उजागर किया था। संथाल समाज ने भी सक्रिय होकर इसमें भागीदारी की थी। इसके बाद मझली के दोनों बेटे और परिवार अपने धर्म में वापस लौट गया।

इलाज कराने का लालच देकर कराया था मतांतरण

मंझली मंराडी के बेटे ने महाबीर बताया था कि उसके परिवार को इलाज कराने के नाम पर उसे मतांतरित किया गया था। इसके बाद पूरे प्रखंड में धर्मातरण के कई मामले आए।

बिरहोर टोला में सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मतातंरित हो चुके लोगों का पैर धोकर घर वापसी कराई थी। इसके बाद दारु के ही झरपो बिरहोर टोला में 16 लोगों की घर वापसी करायी गई।

सैकड़ों लोगों ने दिया था धरना

सांसद प्रतिनिधि आनंद देव के नेतृत्व में इस संबंध में दारू थाने में ज्ञापन भी सौंपा था। इसके बाद से लगातार हिंदू संगठन सक्रिय हो गए। विहिप, बजरंग दल और सरना समाज के लोग घूम-घूमकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया था।

पुनई मुखिया से लेकर भाजपा नेता राजन सिन्हा लगातार मुखर रहे थे। एक सितंबर 2021 को पिपचो मिशन स्कूल के समीप सैकड़ों लोगों ने धरना देकर इसका पुरजोर विरोध किया था। इसमें काफी संख्या में ग्रामीण जुटे। इसी दिन ग्रामीणों ने प्रण लिया कि वे घर-घर जाकर लोगों की वापसी कराएंगे।

एक जनवरी 2023 को दिग्वार में हुआ था हंगामा

दारु में विरोध के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण मतांतरण को खेल रहा है। एक जनवरी 2023 को भी दिग्वार में महिलाओं को चर्च में प्रार्थना करने और चंगाई सभा में ले जाने को लेकर हंगामा और विवाद हुआ था।

ग्रामीणों ने बताया था कि डुमर के चुरचू में बड़ी संख्या में महिलाओं को बस व छोटे गाड़ियों में बुलाकर ले जाया गया और उन्हें मतांतरण के लिए प्रेरित किया गया था।

मिशन विद्यालय पर मंतातरण के आरोप 

चार माह पूर्व बड़वार बिरहोर टोला में जबरदस्त मारपीट हुई थी। यहां बिरहोर परिवार के लोगों ने मतांतरित होने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मतांतरण का प्रयास करने वाले लोगों ने इनके साथ मारपीट की थी।

मतांतरण को लेकर दारु के पिपचो में संचालित मिशन विद्यालय पर आरोप लगता रहा है। मतांतरित लोगों के बच्चे को इसी विद्यालय में नि: शुल्क शिक्षा देने का वायदा किया जाता रहा था। विद्यालय के हीं शिक्षक डेनियल रविदास और कई इसाई धर्म प्रचारकों का नाम सामने आता रहा है।

यह भी पढ़ें: Bihar News : शिक्षा विभाग में KK Pathak का एक और इफेक्ट, हजारों शिकायतों पर बिहार सरकार ने लिया एक्शन

महानायक बच्चन के KBC शो में पहुंचे देवघर के अनाथ बच्चों के पिता हरे राम, बेटियों की कहानी सुन रो पड़े बिग बी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.