Jharkhand: फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर से BSF कैंप मेरु में नौकरी लेने का प्रयास, बंगाल के रहने वाले दो युवक गिरफ्तार
हजारीबाग के बीएसएफ मेरु में फर्जी दस्तावेजों के साथ दो संदिग्ध गिरफ्तार हुए हैं। बंगाल के मुर्शिदाबाद से आए युवकों पर फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर के साथ नौकरी लेने का आरोप है। संदेह होने पर दस्तावेजों की जांच में उनकी पोल खुली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

संवाद सूत्र, हजारीबाग। देश भर में बड़े पैमाने पर बीएसएफ आदि विभिन्न सैन्य संगठनों में फर्जी पत्र के सहारे नौकरी में बहाल कराने वाला गिरोह सक्रिय है, परंतु बारीकी से जांच में हर बार ऐसे लोग बेनकाब होते रहे है।
ऐसा हीं एक मामला रविवार को बीएसएफ मेरु में आया है। यहां फर्जी योगदान पत्र और कागजात लेकर पहुंचे दो संदिग्धों को बीएसएफ ने गिरफ्तार का मुफ्फसिल थाना को सौंप दिया है। गिरफ्तार दोनों अभ्यर्थी बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से आए थे और जनजातीय परिवार से है।
बीएसएफ के आवेदन पर इस संदर्भ में मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 88/25 दर्ज किया गया है और आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए आरोपितों में पौलुस सोरेन पिता नरेश सोरेन ग्राम चौकी बलिया थाना सागर दिघी जिला मुर्शिदाबाद तथा रवि बेसरा पिता दीप्ति बेसरा ग्राम गुदादंगा थाना नभग्राम जिला मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल है।
थाना प्रभारी कुणाल किशोर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गिरफ्तार कर दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
संदिग्ध दिखने पर बारीकी से जांच में सामने आया मामला
बंगाल के मुर्शिदाबाद से बीएसएफ मेरु में कॉन्स्टेबल पद पर योगदान देने पहुंचे अभ्यर्थी को बीएसएफ के पदाधिकारियों ने संदिग्ध महसूस होने पर उनके दस्तावेंजों की बारीकी से जांच की गई।
जब जांच की गई तो अधिकारियों को मामला समझ में आया। इसके बाद कड़ाई से पूछताछ करने के बाद आरोपित और भी संदिग्ध हो गए। इसके बाद पूरी जानकारी और ठगी के खेल को उजागर कर दिया।
बीएसएफ की ओर से बताया गया है कि हजारीबाग स्थित बीएसएफ कैंप मेरु में दो अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ज्वॉइनिंग करने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया है। सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के दौरान बीएसएफ के पदाधिकारी को इन दोनों पर शक हुआ।
इसके आधार पर सर्टिफिकेट का बहुत ही गहनता के साथ जांच की गई। जांच के दौरान यह पाया गया कि ज्वॉइनिंग लेटर ही फर्जी है। सूचना है कि इसके लिए भारी भरकम पैसा दलाल को दिया है। अब हजारीबाग पुलिस इस मामले की तहकीकात कर रही है कि आखिर इसका सूत्रधार कौन है।
बताया यह भी जा रहा है कि किसी प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से पैसा ट्रांसफर भी किया गया है। जिस व्यक्ति को ट्रांसफर किया गया है उसके बैंक डिटेल भी इस दौरान खंगाला जा रहा हैं।
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