Jharkhand News:आधार ने खोले सारे राज, 25 लाख के टर्नओवर वाले घर में भी है लाल-पीला कार्ड
जिस योजना का मकसद गरीबों को सस्ती दर पर अनाज मुहैया कराना था उसी योजना का फायदा अमीर और अपात्र लोग उठा रहे थे। गरीबों के हक पर एक तरह से डाका डाल रहे थे। प्रशासन द्वारा किए गए हालिया डेटा जांच में पाया गया है कि जिले में कई ऐसे परिवार जिनकी सालाना आय लाखों में है ।

विकास कुमार, हजारीबाग । आधार कार्ड से राशन कार्ड लिंकिंग के बाद जिले में सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिस योजना का मकसद गरीबों को सस्ती दर पर अनाज मुहैया कराना था, उसी योजना का फायदा अमीर और अपात्र लोग उठा रहे थे। गरीबों के हक पर एक तरह से डाका डाल रहे थे। प्रशासन द्वारा किए गए हालिया डेटा जांच में पाया गया है कि जिले में कई ऐसे परिवार, जिनकी सालाना आय लाखों में है ।
जिनके पास चारपहिया वाहन तक हैं, वे भी गरीबों के लिए बनी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि 25 लाख के टर्नओवर वाले घरों में भी लाल और पीला राशन कार्ड मौजूद हैं। इनकी संख्या एक-दो नहीं बल्कि 75 से अधिक है। कई तो होटलों के मालिक हैं, किसी के पास गोदाम है तो कोई खनन व्यवसाय से जुड़ा है।
इतना ही नहीं, 6 लाख से ऊपर के टर्नओवर वाले 7,000 से अधिक लोग हर महीने सरकारी गेंहू और चावल उठा रहे हैं। प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, 1,500 से अधिक ऐसे लाभार्थी हैं जिनके पास चारपहिया वाहन दर्ज हैं, फिर भी वे बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के तहत मिलने वाले राशन का फायदा ले रहे हैं।
और तो और, आंकड़े बताते हैं कि 25 लाख से अधिक के सालाना टर्नओवर वाले 75 से अधिक लोग भी लाल और पीले राशन कार्ड धारक हैं। यह खुलासा आधार लिंकिंग के बाद संभव हुआ, जब विभिन्न विभागों के डेटा को मिलाकर जांच की गई। इसे लेकर जिला आपूर्ति विभाग प्रखंडवार आंकड़ा तैयार कर रहा है।
बात करें 25 लाख से अधिक टर्नओवर वाले लोगों की तो इसकी सबसे अधिक संख्या इचाक में है। यहां 14 ऐसे लोग हैं जो पत्थर खनन व्यवसाय से जुड़े हैं। लाखों रुपये कमा रहे, फिर भी गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं। वैसे ही चारपहिया वाहन वाले सबसे अधिक कार्डधारी चौपारण और बड़कागांव में हैं।
चौपारण में 159 तो बड़कागांव में इनकी संख्या 153 है। जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में जिले के हर पंचायत और वार्ड में विशेष अभियान चलाकर अपात्र राशन कार्डधारकों की सूची सार्वजनिक की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके साथ ही आम जनता से भी अपील की गई है कि वे इस जांच में सहयोग करें ।
और ऐसे लोगों की जानकारी दें जो सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठा रहे हैं। आधार लिंकिंग की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही सरकार ने अपात्र लाभार्थियों को पकड़ने की दिशा में काम शुरू किया था, लेकिन अब जब आंकड़े सामने आए हैं तो इसने प्रशासन की आंखें भी खोल दी हैं। वहीं इस पूरे प्रकरण ने यह साबित कर दिया है कि आधार लिंकिंग के बाद अब अपात्रों का बच पाना मुश्किल होगा।
जिले में 2.47 लाख राशनकार्ड धारी
वर्तमान में जिले में 2.47 लाख राशनकार्ड धारी हैं। इसमें अब तक करीब 80 प्रतिशत लोगों के कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि अमीरों के द्वारा गरीबों की हकमारी की वजह से 1000 से अधिक लोगों के कार्ड रिक्तियां न रहने की वजह से लंबित हैं। ऐसे में अयोग्य लोगों के नाम राशन कार्ड से हटने के बाद इन लोगों का नाम आसानी से जुड़ सकेगा।
आधार लिंक होने के बाद हमने जैसे ही आंकड़े खंगाले, तो यह देखकर हैरानी हुई कि जो लोग सरकारी योजनाओं के दायरे में बिल्कुल नहीं आते, वही लोग गरीबों के हक पर डाका डाल रहे थे। अब इनकी सूची बनाई जा रही है और कार्ड रद करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पूरे राज्य में यह अभियान चल रहा है।
-सुधीर कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी
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