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    डेनमार्क में भी करते हैं गायत्री मंत्र का उच्चारण

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    Updated: Thu, 12 Jan 2017 10:23 PM (IST)

    हजारीबाग : विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर पार नाला कुम्हारटोली व मालवीय मार्ग ...और पढ़ें

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    हजारीबाग : विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर पार नाला कुम्हारटोली व मालवीय मार्ग में पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजन में पूर्ववर्ती छात्रों ने अपने अनुभव और विद्यालय से मिले संस्कारों पर बोलते हुए कहा कि संस्कार उन्हें ऐसा मिला है कि आज वे विदेशों में भी रहते है तो गायत्री मंत्र और भोजन मंत्र उनके जीवन में अनिवार्य हो गया है।

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    विद्या मंदिर कुम्हारटोली के पूर्व छात्र भैया अनिल कुमार ने बताया कि वे डेनमार्क में रहकर भी अपने संस्कार और विद्यालय की परंपरा नहीं भूले हैं। रोज सुबह उठकर प्रात: स्मरण और सरस्वती वंदना आज भी अनवरत जारी है। इसी तरह अन्य छात्र पंकज जायसवाल, साहित्यकार डॉ. विकास, भैया अभिषेक मिश्र, आशुतोष पांडेय, काजरी मजूमदार, एकता वर्मा, अविनाश कुमार ने अपने-अपने संबोधन में मातृत्व, देश भक्ति सहित विद्यालयों के संस्कार को अद्वितीय बताया।

    कुम्हारटोली में मुख्य अतिथि पूर्व छात्र अरुण कुमार मिश्रा, संरक्षक ब्रजमोहन केशरी, अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, सदस्य प्रेमलता पाठक, प्रधानाचार्य उमेश कुमार तथा मालवीय मार्ग में डा. किरण राणा, डा. शिवदयाल ¨सह, प्रधानाचार्य डा. बैजनाथ राणा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वक्ताओं ने विवेकानंद जयंती पर युवाओं से एक कदम देश के लिए बढ़ाने का आह्वान किया। कहा कि भारत युवा शक्ति का देश है। विशिष्ट अतिथि सुनील कुमार दूबे ने बताया कि पूर्व छात्र अपना संगठन और नेटवर्क तैयार कर विभिन्न तरह के गतिविधियों में जो जहां है वो वहीं से सहयोग और प्रचार प्रसार के साथ कार्य को आगे बढ़ाए। सम्मेलन को सफल बनाने में आचार्या पूनम ¨सह, पंकज कुमार, आचार्य करुणेश कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।