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    ऐतिहासिक लाल कोठी में शुरू हुआ था डीवीसी का सफर

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    Updated: Thu, 04 Jul 2013 01:12 AM (IST)

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    मासूम अहमद, हजारीबाग : डीवीसी की स्थापना सात जुलाई सन 1948 को हुई थी। निगम अब अपनी 65वीं वर्षगांठ मना रहा है। ऐसे में इतिहास के आईने पर नजर डालना स्वाभाविक व सामयिक होगा।

    प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में डीवीसी का काम-काज इसी ऐतिहासिक लाल कोठी में 1952 में शुरू हुआ था। निगम के निदेशक भूअर्जन एवं पुनस्र्थापन तथा लेखा कार्यालय इसी भवन में स्थापित किया गया था। यह भवन 1850 में ब्रिटिश सिख रेजिमेंट के कमांडेंट रिट्रे के निवास स्थान के रूप में बनाया गया था। यही वजह है कि इस भवन को उस समय रिट्रे हाउस के नाम से जाना जाता था।

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    रेजिमेंट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पदमा के रामगढ़ राज पर कब्जा था। यहां एक सैनिक टुकड़ी रहती थी। 1857 के सिपाही विद्रोह के बाद मिस्टर लाहा ने इस भवन को खरीद लिया था। इस वजह से इसे लाहा कोठी के नाम से भी जाना लगा। उन लोगों के नाम यह भवन 1900 ई तक था। 1901 से एन. अग्रवाल एंड फैमिली के नाम यह भवन है। इसी परिवार के छह लोग इसके मालिक हैं।

    डीवीसी ने 1952 में 300 रुपए मासिक पर यह भवन किराए पर लिया था। करीब पांच दशक तक डीवीसी के निदेशक व पुनस्र्थापन का कार्यालय यही संचालित हुआ। इसी भवन में शुरुआत से डीवीसी का लेखा विभाग आज तक संचालित है। इस भवन में आज भी ब्रिटिश सरकार की छाप दिखाई देती है। भवन के कई कक्षों में क्वीन विक्टोरिया सहित ब्रिटिश साम्राज्य का एम्बलेम मौजूद हैं।

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