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    Jharkhand News: ये महिलाएं 12 तालाबों में पाल रहीं मछलियां, खूब हो रही तारीफ

    गुमला जिले के बसिया प्रखंड की कई महिलाओं ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। पूर्व में गृह कार्यों में लगीं ये महिलाएं अपने आसपास के किसानों को मछली पालन करते देख प्रेरित हुईं और छोटे स्तर पर डोभा में मछली पालन शुरू किया। महिलाओं ने भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ग्रो आउट तालाब का निर्माण कराया।

    By Santosh Kumar Edited By: Kanchan Singh Updated: Mon, 07 Jul 2025 05:55 PM (IST)
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    मत्स्य पालन कर गुमला में महिलाएं आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं।

    जागरण संवाददाता,गुमला। गुमला  जिले के बसिया प्रखंड की प्रीति कुमारी, बबीता देवी और चरकी देवी ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। पूर्व में गृह कार्यों में लगीं ये महिलाएं अपने आसपास के किसानों को मछली पालन करते देख प्रेरित हुईं और छोटे स्तर पर डोभा में मछली पालन शुरू किया।

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    तीनों महिलाओं को मत्स्य विभाग द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा 90 प्रतिशत अनुदान पर स्पान, फीड एवं फिश कैचिंग नेट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई।

    वर्ष 2023-24 में इन महिलाओं ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ग्रो आउट तालाब का निर्माण कराया। तालाब निर्माण की कुल लागत सात लाख है।

    इसमें अनुसूचित जाति,जनजाति वर्ग को 60 प्रतिशत अनुदान, जिसमें से 60 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा सहायता राशि दी गई एवं 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की ओर से थी। साथ ही झारखंड सरकार द्वारा 1.75 लाख की अतिरिक्त सहायता दी गई।

    इसके साथ ही मत्स्य बीज व आहार हेतु चार लाख की यूनिट लागत में 2.40 लाख का अनुदान भी प्रदान किया गया। वर्तमान में इन महिलाओं के पास 7.5 एकड़ भूमि में 12 तालाब हैं । इनमें 50,000 अंगुलिकाओं का संचयन किया गया है।

    ये मत्स्य उत्पादन जिले के सिसई, भरनो, कामडारा, पालकोट और गुमला प्रखंडों तक पहुंच रहा है, जिससे स्थानीय किसानों को बाहरी बाजारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। इनकी पहल से 30-35 ग्रामीणों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है और प्रत्येक लाभुक को सालाना 4-5 लाख रुपये तक की शुद्ध आय हो रही है।