शिव और शक्ति का अद्भुत संगम बाबा टांगीनाथ
उदय गुप्ता डुमरी (गुमला) झारखंड प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर द ...और पढ़ें

उदय गुप्ता, डुमरी (गुमला) : झारखंड प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर डुमरी प्रखंड के मझगांव ग्राम की पहाड़ी पर स्थित बाबा टांगीनाथ धाम में अनेकों मनोरम दृश्य अपनी छटा बिखेर रहे हैं, साथ ही सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। जिले का शीर्ष धार्मिक व पुरातात्विक स्थल बाबा टांगीनाथ धाम में नए साल के अवसर पर पिकनिक मनाने हेतु सैलानियों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लोग नए वर्ष की शुरुआत इस पावन धाम में पूजा अर्चना कर करते हैं। शिव और शक्ति के इस अद्भुत संगम स्थल में आप रूपी निकले सैंकड़ों शिवलिग व खुले स्थल में विराजित विशाल अक्षय त्रिशूल दर्शनार्थियों के मन को सहज हो मोह लेने में सक्षम है। वहीं पहाड़ी के ऊपर साक्षात प्रकृति की गोद में विराजित विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना कर भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं। इस क्षेत्र में कुछ ऐसे भी प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण छोटे- छोटे झरने भी मौजूद हैं। जहां पर्यटक नए वर्ष के उपलक्ष्य में पिकनिक मनाने आते हैं। बाबा टांगीनाथ धाम से लुचुतपाठ मार्ग की ओर दक्षिण पश्चिमी पहाड़ी पर दो तीन छोटे छोटे पर बहुत ही आकर्षक झरने अवस्थित हैं। सभी झरनों में लगभग 40 फीट की ऊंचाई से पानी के फब्बारे गिरते हुए बहुत ही आकर्षक दिखाई पड़ते हैं। जिनमें डेगाड़ेगी झरना, चिकनी कोना झरना आदि के नाम शामिल हैं। इन झरनों के इर्द-गिर्द ज्यादातर असुर जनजाति परिवार के लोग निवास करते हैं। विकास से कोसों दूर इस क्षेत्र में अनेकों संभावनाएं छिपी हुई हैं परंतु उपेक्षा का शिकार यह झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा से सटा हुआ सुदूरवर्ती क्षेत्र आज भी विकास की बाट जोह रहा है। यदि इन क्षेत्रों को विकसित की जाय तो निश्चित ही गुमला जिले का ये उपेक्षित प्रखंड सैलानियों व श्रद्धालुओं हेतु एक टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा और रोजगार के नए नए अवसर सृजित होंगे जिससे बेरोजगारी थमेगी एवं अनैतिकता व अराजकता भरे कार्यों पर स्वत: अंकुश लगेगा।

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