प्रखंड कार्यालय के गेट पर भाकपा माओवादियों ने चिपकाया पर्चा, पुलिस को दी खुली चुनौती
गुमला के घाघरा प्रखंड कार्यालय पर माओवादियों ने पोस्टर चिपकाकर सनसनी फैला दी। उन्होंने पुलिस को खुली चुनौती दी और बिचौलियों को चेतावनी दी। पोस्टरों में गरीबों और आदिवासियों पर अत्याचार रोकने की मांग की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, वहीं इलाके में दहशत का माहौल है।

संवाद सूत्र, घाघरा (गुमला)। एक ओर जहां झारखंड पुलिस माओवादियों के सफाए का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर माओवादियों ने पुलिस के इन दावों की पोल खोल दी है। शुक्रवार को घाघरा प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम से जारी पोस्टर चिपकाए जाने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
माओवादियों ने इस पोस्टर के जरिए न सिर्फ पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दी, बल्कि बिचौलियों और दलालों को भी चेतावनी दी है कि वे सावधान हो जाएं। पोस्टर में लिखा है कि अमीरों की सरकार में गुलामी करने वाली पुलिस गरीब जनता पर अत्याचार न करे।
मुसलमानों का अत्याचार बंद करने की मांग
साथ ही छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, बालाघाट और गढ़चिरौली जैसे इलाकों में आदिवासियों की विचारधारा को कुचलने वाली कार्रवाई बंद करने की बात कही गई है। पोस्टर में कांग्रेस-झामुमो की सरकार में मुसलमानों का अत्याचार आदिवासी बहनों पर अधिक हो रहा है बंद हो।

साथ ही बीजेपी की डबल इंजन की सरकार में गरीबों पर अत्याचार करना बंद करे। पोस्टर पर लाल सलाम और वीर प्रभारी – उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का नाम दर्ज है।
पोस्टर की जांच कर रही पुलिस
सूचना मिलते ही घाघरा पुलिस मौके पर पहुंची और दिन के करीब ढ़ाई बजे पोस्टर को जब्त कर थाना ले आई। इस संबंध में थाना प्रभारी पुनीत मिंज से पूछने पर उन्होंने कहा पोस्टर चिपकाने की सूचना मिली जिसके बाद पोस्टर को बरामद कर लिया गया है और पूरी गहनता से जांच की जा रही है।
पोस्टरबाजी संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है। हो ना हो यह शरारती तत्वों का भी काम हो सकता है। पुलिस जांच कर रही है। माओवादियों के इस पोस्टरबाजी से इलाके के ठेकेदारों और आम लोगों में दहशत का माहौल है। पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है और ब्लाक परिसर समेत आसपास के इलाकों में सघन जांच अभियान शुरू कर दिया गया है।

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