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पशुपालन व मत्स्य पालन करने वालों को मिलेगा केसीसी

सरकार कृषि कार्य के साथ साथ पशुपालन व मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए केसीसी लाभ देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय को सरजमीं पर उतारने के लिए गुमला जिला में काम चालू हो चुका है। बैंकों द्वारा छह फरवरी से ही शिविर लगाकर यह लाभ देने की कोशिश की जा रही है। 25 फरवरी तक पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़े लाभुक इस योजना का सहजता से लाभ उठा सकते हैं। इस जिले में 1.10 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। सोमवार को आइटीडीए भवन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में गुमला के उपायुक्त शशि रंजन ने यह घोषणा की। कहा कि सरकार एक विशेष अभियान शुरु कर चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:37 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 09:37 PM (IST)
पशुपालन व मत्स्य पालन करने वालों को मिलेगा केसीसी

जागरण संवाददाता,गुमला: सरकार कृषि कार्य के साथ साथ पशुपालन व मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए केसीसी लाभ देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय को सरजमीं पर उतारने के लिए गुमला जिला में काम चालू हो चुका है। बैंकों द्वारा छह फरवरी से ही शिविर लगाकर यह लाभ देने की कोशिश की जा रही है। 25 फरवरी तक पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़े लाभुक इस योजना का सहजता से लाभ उठा सकते हैं। इस जिले में 1.10 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। सोमवार को आइटीडीए भवन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में गुमला के उपायुक्त शशि रंजन ने यह घोषणा की। कहा कि सरकार एक विशेष अभियान शुरु कर चुकी है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभुक किसानों के लिए रियायती संस्थागत रियायती ऋण का लाभ दिया जाना है। इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि केसीसी योजना के तहत कृषि , पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए ऋण वितरण किया जा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है जिसमें केसीसी योजना का लाभ जिन किसानों को अब तक नहीं मिला है और वे पशुपालन एवं मत्स्य पालन से जुड़े हैं तो उन्हें इसका लाभ दिया जाएगा। वे बैंकों से संपर्क कर सकते हैं और तीन लाख रुपये तक के ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इस ऋण को लेने में बैंकों द्वारा लगने वाले विभिन्न शुल्कों को माफ किया जा चुका है। धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 58 हजार रुपये ऋण दिया जाता है। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस योजना को सफल बनाने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करें। बैंक में एक अलग खिड़की की सुविधा दें और केसीसी ऋण की स्वीकृति 14 दिनों के भीतर देना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने कहा कि बैंक सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर उन किसानों की सूची बनाएंगे जिन्हें अब तक केसीसी का लाभ नहीं मिला है। पत्रकार सम्मेलन में लीड बैंक प्रबंधक एसके साय, नाबार्ड के डीडीएम निशित कुमार, डीपीआरओ देवेंद्रनाथ भादुड़ी आदि उपस्थित थे।

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