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    कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर, फेस्टिव सीजन में न हो संक्रमण का प्रसार इस पर दिया जा रहा जोर

    कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर झारखंड स्‍वास्‍थ्‍य विभाग गंभीर है। इसके जोखिम कोविड-19 प्रोटोकाॅल का अनुपालन करना होगा। स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार और झारखंड सरकार के बीच लगातार इसे लेकर पत्राचार हो रहा है। आने वाले समय में किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात की स्थिति से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे की मजबूती पर भी जोर दिया जा रहा है।

    By Santosh Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Thu, 21 Dec 2023 11:38 AM (IST)
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    झारखंड में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर।

    संवाद सहयोगी, गुमला। केरल के काराकुलम में कोरोना का नया वेरिएंट के आने और इसकी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी ने स्वास्थ्य विभाग की नींद चटका दी है। स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार और झारखंड सरकार के बीच लगातार इसे लेकर पत्राचार हो रहा है। कोरोना का पुराने गाइडलाइन के साथ-साथ सावधानी और संक्रमण पर रोक को लेकर कार्यवाही करने का भी निर्देश प्राप्त है।

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    त्‍योहारों को लेकर भी अलर्ट पर विभाग

    केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव का जारी पत्र में कहा है कि आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए बीमारी के संचरण में वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय पर जोर देने, इंफ्लूएंजा और गंभीर श्वसन जैसी बीमारियों के मामले को गंभीरता से लेने, जिलों में कोविड-19 का परीक्षण की सुविधा बहाल करने, आरटी-पीसीआर परीक्षण सुनिश्चित कर राज्य में नए वेरिएंट का पता लगाने, माॅक ड्रिल, ड्राइ रन में सभी सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने जैसे निर्देश प्राप्त है।

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    जोखिम को कम करने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य उपायों पर जोर

    जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के मिशन निदेशक आलोक त्रिवेदी ने 19 दिसंबर को सभी उपायुक्त के नाम पत्र जारी कर भविष्य में किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात की स्थिति से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने की बात कही है।

    भारत सरकार से प्राप्त निर्देश पर सक्रियता के साथ कार्य करने और व्यवहार में लाने का भी उल्लेख पत्र में किया है। मुख्य रुप से त्योहार के समय बाहर से आने वालों की निगरानी करने और बीमारी के संचरण में वृद्धि के जोखिम को कम से कम करने के लिए स्वास्थ्य उपायों पर जोर दिया गया है।

    लक्षण दिखने पर जांच कराने पर जोर

    सरकार के पत्र के आलोक में सिविल सर्जन के द्वारा भी रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पत्र प्रेषित कर इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मरीजों को चिन्हित कर उनकी जांच कराने, बाहर से आने वाले मरीजों का रिकॉर्ड रखने और निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, केंद्रों में उपलब्ध संसाधनों की सूची भी मांगी गई है ताकि आवश्यकतानुसार राज्य मुख्यालय से सामग्री की डिमांड की जा सके।

    केंद्र व राज्य सरकार से इस संबंध में निर्देश प्राप्त हुआ है। निर्देश का अनुपालन के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देशित किया गया है। पूर्व में जिस तरह कोरोना के दौरान प्रोटोकाल का पालन किया गया था। इस बार भी ऐसा ही पालन करना है। चिकित्सकीय उपकरण और संसाधन की आवश्यकता के लिए भी स्वास्थ्य केंद्रों से जानकारी मांगी गई है। इसी अनुसार सरकार से डिमांड किया जाएगा। विभाग का जैसे जैसे निर्देश प्राप्त होगा उसका अनुपालन कराया जाएगा-  डा. राजू कच्छप-सिविल सर्जन गुमला।

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