अनाथ युवती से कर दी शराब, चिकन और चावल की डिमांड, आदेशपाल के 'रिश्वत कांड' से हर कोई दंग!
गुमला जिले के पालकोट में एक अनाथ युवती से मुआवजा राशि के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में अंचल कार्यालय का आदेशपाल पकड़ा गया। युवती ने प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगाए थे। शिकायत मिलने पर प्रखंड प्रमुख और विधायक प्रतिनिधि ने हस्तक्षेप किया जिसके बाद आदेशपाल ने पैसे लौटा दिए। ग्रामीणों में आक्रोश है और बीडीओ ने मामले की जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, गुमला। अंचल कार्यालय पालकोट का आदेशपाल बिरसा बड़ाईक शुक्रवार को मुआवजा राशि के लिए भटक रही एक अनाथ युवती से पैसे लेते पकड़ा गया। मामला सतखारी सवना टोली की सुषमा कुमारी से जुड़ा है।
उसके पिता का निधन पहले ही हो चुका था और चार महीने पूर्व मां की मौत सांप के काटने से हो गई थी। इसके बाद से ही युवती मुआवजा राशि पाने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रही थी।
आरोप है कि आदेशपाल ने उससे पे आईडी बनाने के नाम पर घर का चावल बिकवाकर नकद 200 रुपये ली और फिर एक देसी मुर्गा व शराब की मांग भी की। शुक्रवार को जब पीड़ित युवती ने अपनी शिकायत प्रखंड प्रमुख सोनी लकड़ा और विधायक प्रतिनिधि मनीष साहू के समक्ष रखी तो दोनों ने आदेशपाल को फटकार लगाई।
दबाव के बाद बिरसा बड़ाईक ने युवती से ली गई राशि वापस कर दी। मामला उजागर होने के बाद ग्रामीणों में रोष है। उनका कहना है कि सरकारी दफ्तरों में गरीब व वंचित लोगों से इस तरह पैसे वसूले जाना शर्मनाक है।
वहीं, आदेशपाल बिरसा बड़ाईक ने सफाई देते हुए कहा कि उसे जानबूझकर फंसाया गया है। उसके अनुसार, लौटाई गई राशि प्रमाण पत्र बनाने में लगने वाला खर्च था और ऐसा कोई घूसखोरी का मामला नहीं है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पालकोट बीडीओ विजय उरांव ने कहा कि उन्हें पूरे मामले की जानकारी मिल गई है और दोषी आदेशपाल के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जरूरतमंदों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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