औरापाट बनेगा गुमला का विकास मॉडल, पायलट प्रोजेक्ट से 500 आदिम जनजातियों का होगा आर्थिक विकास
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड के औरापाट गांव में विकास की नई पहल शुरू हो रही है। नीति आयोग से प्राप्त 1.35 करोड़ रुपये से गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। गांव को चार क्लस्टर में बांटकर तालाब निर्माण सिंचाई और बागवानी पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना से 500 परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे जिससे गांव आत्मनिर्भर बनेगा।

संतोष कुमार, गुमला। गुमला जिला अंतर्गत आदिम जनजाति बहुल डुमरी प्रखंड के औरापाट गांव में विकास की नई पहल की जा रही है। कार्य योजना के तहत इस गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है।
इसके लिए नीति आयोग से प्राप्त कुल 1.35 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य गांव के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आजीविका के नए साधन उपलब्ध कराना है।
योजना के अंतर्गत गांव को चार अलग-अलग क्लस्टर में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर में तालाब निर्माण, सिंचाई की व्यवस्था, बागवानी और अन्य गतिविधियों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
इस पहल से न केवल खेती की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीणों को मछली पालन और बागवानी से भी सीधा लाभ मिलेगा। नीति आयोग के सहयोग से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट का लाभ लगभग 500 ग्रामीण परिवारों को सीधे तौर पर मिलेगा।
इसके लिए गांव में विशेषज्ञों की एक टीम भेजी जाएगी, जो ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न कार्यों में दक्ष बनाएगी। प्रशिक्षण के बाद ग्रामीणों को आधुनिक तकनीकों के साथ पारंपरिक संसाधनों का उपयोग कर आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त, मछली पालन, बागवानी, सिंचाई व तालाबों के रख-रखाव से गांव में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। ग्रामीणों को इन गतिविधियों से जोड़कर स्थायी आय के साधन मुहैया कराए जाएंगे।
यह परियोजना आदिम जनजाति समुदाय के जीवन स्तर को सुधारने और गांव को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस गांव को सफल बनाने के बाद जिले के अन्य आदिम जनजाति बहुल गांवों में भी लागू किया जाएगा। इससे गुमला के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। इस तरह पायलट प्रोजेक्ट पहल से औरापाट गांव न केवल विकास की नई मिसाल बनेगा, बल्कि आसपास के अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा स्रोत साबित होगा। -रमण कुमार, जिला योजना पदाधिकारी गुमला
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