अप्रैल से गुमला चालू होगा मत्सि्यकी की पढ़ाई
संवाद सहयोगीगुमला गुमला मत्सि्यकी कालेज में इस वर्ष अप्रैल माह के पहले सप्ताह से चार वर्षीय बैच
संवाद सहयोगी,गुमला: गुमला मत्सि्यकी कालेज में इस वर्ष अप्रैल माह के पहले सप्ताह से चार वर्षीय बैचलर आफ फिशरीज साइंस की कक्षाएं प्रारंभ हो जाएगी। मंगलवार को संयुक्त कृषि निदेशक राकेश रौशन और बिरसा एग्रिकल्चर विश्वविद्यालय के डीम्ड डा. एके सिंह ने मत्सि्यकी कालेज का निरीक्षण किया। कालेज में उपलब्ध संसाधन, बचा हुआ निर्माण कार्य को देखा। इसके उपरांत उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ के कक्ष में पहुंचकर जानकारी दी। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि 2017 से बिरसा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय में पढ़ाई चल रही है। गुमला में एसेट है तो इसका इस्तेमाल होगा और यहीं रहकर छात्र-छात्राएं पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कालेज में कुछ काम रह गए हैं उसे शिफ्ट करने के बाद कराया जाएगा। बताया कि उपायुक्त से दस होमगार्ड के जवानों की प्रतिनियुक्ति करने का अनुरोध किया गया है। बताया कि यहां केवल चार वर्षीय पाठयक्रम ही नहीं होगा बल्कि छह माह पाठयक्रम पूरा करने वालों को सर्टिफिकेट इन एक्वाकल्चर , एक वर्षीय पाठयक्रम पूरा करने वालों को डिप्लोमा इन एक्वाकल्चर, दो वर्षीय पाठयक्रम पूरा करने वालों को एडवांस्ड डिप्लोमा इन एक्वाकल्चर का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बताया कि गुमला में एक रेफरल अस्पताल भी बनाया जाएगा। मछलियों की बीमारी से बचाव की सुविधा होगी।
शिक्षक भविष्य के निर्माता हैं : उपायुक्त जागरण संवाददाता, गुमला : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के फैलाव का जिले के सभी विद्यालयों में रोकथाम हेतु कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का अनुपालन तथा छात्रवृत्ति की समीक्षा के मद्देनजर विद्यालय प्रबंधन समिति की एक दिवसीय कार्यशाला नगर भवन में आयोजित किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा शिक्षक सिर्फ वह नहीं जो कक्षा में बच्चों को पढ़ाए, बल्कि हर वो शख्स शिक्षक है जो अपने साथ-साथ अपने समाज को भी शिक्षित करने में अपना योगदान देता हो। उन्होंने कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को ²ष्टिपथ करते हुए कहा कि जिले के उच्च कक्षा के (09-12) विद्यालय खुल गए हैं।
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