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    बीस साल पहले चल नहीं सकता था, अब दौड़ता हूं : सिद्धार्थ शंकर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 07 Jun 2019 06:51 AM (IST)

    झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी और गुमला के नजारत उप समाहर्ता सिद्धार्थ शंकर चौधरी योग कर निरोग हुए हैं। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए योग के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि वे बीस साल से प्रकृतिक जीवन पद्धति अपनाएं हुए हैं। बीस साल पहले उनका स्वास्थ्य अनियंत्रित था। भविष्य अंधकार में था। वजन बढ़कर 95 किलो हो गया था। पिताजी को मधुमेह था।

    बीस साल पहले चल नहीं सकता था, अब दौड़ता हूं : सिद्धार्थ शंकर

    जागरण संवाददाता,गुमला : झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी और गुमला के नजारत उप समाहर्ता सिद्धार्थ शंकर चौधरी योग कर निरोग हुए हैं। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए योग के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि वे बीस साल से प्रकृतिक जीवन पद्धति अपनाएं हुए हैं। बीस साल पहले उनका स्वास्थ्य अनियंत्रित था। भविष्य अंधकार में था। वजन बढ़कर 95 किलो हो गया था। पिताजी को मधुमेह था। उन्हें भी मधुमेह का डर सता रहा था। चलने फिरने में बेहद कठिनाई हो रही थी। रांची के जिस चिकित्सक से अपना इलाज करा रहे थे उन्होंने ने ही परामर्श दिया कि अब प्रकृतिक जीवन पद्धति अपनाने के अलावे आपके पास कोई विकल्प नहीं है। रांची में जब अंचलाधिकारी थे तो सुबह छह बजे घर से निकलना और रात को ग्यारह बजे घर आना रूटीन हो गया था। उन्होंने प्राकृतिक जीवन पद्धति अपनाया। सुबह में उठने पर एलोबेरा, आवंला, गिलोई तुलसी के साथ शुष्म पानी एक गिलास और उसके बाद एक लीटर शुष्म पानी पीना आरंभ किया। आधा घंटा योग करने की आदत डाली। धीरे-धीरे कपाल भाति करते रहे। अब लगभग दो हजार बार कपाल भाति करते हैं। नतीजा यह हुआ कि मेरा निकला हुआ पेट पच गया। वजन भी घट कर 70 किलो में आ गया। न मधुमेह की शिकायत है और न ही बीपी से परेशानी। वे कहते हैं सुबह में एक घंटा भ्रमण करते हैं, नींबू पानी पीते हैं। स्नान कर अंकुरित मूंग, अनार का दाना, मेथी का पानी लेते हैं। डेढ़ बजे दिन में रोटी दाल खाते हैं। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि योग करने से बीमारियां नहीं होती है। गरीब लोगों को चाहिए कि अपने खेतों में हरी साग सब्जी उपजाएं और उसका सेवन करें। देहात में पपीता और अन्य फल लगाए जा सकते हैं। इससे शरीर को ताकत मिलेगी और बीमार होने पर खर्च करने की नौबत नहीं आएगी।

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