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    अलविदा जुमा पर सजदा में झुके हजारों शीश

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 31 May 2019 08:29 PM (IST)

    जागरण टीमगुमला रमजान के अलविदा जुम्मा के मौके पर शुक्रवार को जिले के सभी मस्जिदों में अलविदा जुम्मा का नमाज अदा किया गया। सजदा में हजारों लोगों ने अ ...और पढ़ें

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    अलविदा जुमा पर सजदा में झुके हजारों शीश

    जेएनएन, गुमला : रमजान के अलविदा जुम्मा के मौके पर शुक्रवार को जिले के सभी मस्जिदों में अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। सजदा में हजारों लोगों ने अपने शीश झुकाए। नम आंखों के साथ मुसलमानों ने पवित्र रमजान के आखिरी जुम्मे की नमाज अदा की। शुक्रवार के दोपहर बाद गुमला जिला के सभी मस्जिदों में माह ए रमजान के जाने के साथ ही दुनिया से रहमतों और बरकतों की कमी से संबंधित रिवायत सुनायी पड़ी। शहर के जामा मस्जिद में अलविदा की नमाज मौलना अहमद अली मिस्वाही ने, बाजार टांड के गोसिया मोती मस्जिद में हाफिज जाहिद ने, मस्जिद गौशुल बाड़ा में हाफिज सदाम ने, कादरिया मस्जिद में मौलाना कासिद रजा ने, मस्जिद रजा ए हबीब में हाफिरज रमजान ने, मस्जिद फैजान ए रजा में हाफिज सादिक रजा ने, मदीना मस्जिद में कारी अब्दुल रसीद ने और मक्का मस्जिद में कारी अफतार ने अलविदा जुम्मा का नमाज पढाए। जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अहमद अली मिस्वाही ने रोजेदारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह रमजान का आखिरी आसरा है। असरे में अल्लाह ने जहन्नम से आजादी का मौका इनात फरमाया है। उन्होंने कहा कि रमजान की रौनक चंद दिनों में खत्म हो जाएगी। इफ्तार और सेहरी की लजत हमारी बीच से हटा लिया जाएगा। दिन और रात की फजीलत कम हो जाएगी। इस असरे में अल्लाह अपने गुनाहगार बंदों को बेहिसाब बक्शता है। उन्होंने बचे दिनों में अधिक से अधिक इबादत में समय गुजारने का आह्वान किया। उन्होंने गरीबों के लिए दान करने की अपील की। ताकि गरीब भी ईद की खुशी मना सके। मंडल कारा गुमला में भी हाफिज सैयद गुलाम गौस ने 65 विचाराधीन बंदियों को अलविदा जुम्मा का नमाज अदा करवाया। ईद के दिन सुबह नौ बजे मौलना गौस के इमामत में नमाज अदा करायी जाएगी। जिला हैंडबॉल संघ के अध्यक्ष हफिर्जुर रहमान ने नमाज अदा के लिए अनुमति लेने में भूमिका अदा की थी। ईद के दिन बंदियों को विधिक सहायता दिलाने में मदद किया जाएगा। कामडारा में भी अलविदा जुम्मा का नमाज अदा किया गया। नवनूरी मस्जिद में आस्था के साथ नमाज अदा किया गया। लोक रंग बिरंगे टोपी पहने नमाज अदा करने के लिए पहुंचे थे। मौलना मिनाज आलम रिजवी ने अलविदा की नमाज अदा करायी जबकि हजरत मोहम्मद सलाम का नजराना पेश किया गया। सिसई में भी अलविदा जुम्मा का नमाज सभी मस्जिदों में अकीदत और एहतेराम के साथ अदा किया गया। मस्जिदों में खासा रौनक देखने को मिला। लोग रहमतों की बारिश की उम्मीद लेकर आए थे। इस अवसर पर नमाज से पहले आलिमों ने रमजान के अहमियत शवाब तथा दीनी बातों पर विस्तार से चर्चा की। जामा मस्जिद के इमाम कारी अब्दुल मनान ने कहा कि रमजान के पाक महीना में रोजेदारों को ज्यादा से ज्यादा नेकियां करना चाहिए। अल्लाह इस माह में दुआ कबूल करते हैं। बसिया में भी अलविदा जुम्मा का नमाज अदा किया गया। किदिरकेला में इमाम हाफिज मंसूर आलम ने जुम्मे की नमाज अदा करायी। उन्होंने कहा कि आज का जुम्मा अफजल जुम्मा होता है इससे जहन्नुम से निजात मिलता है। सबसे ज्यादा फल मिलता है। एक ऐसी रात होती है जिससे तलाशने पर हजारों महीने की इबादत का लाभ मिलता है। समाज के अमन चैन और मुल्क की तरक्की के लिए दुआ की गई। भरनो में भी रमजान के महीने के अलविदा जुम्मा का नमाज सभी मस्जिदों में अदा की गई। आंधी पानी के बावजूद नमाजी डटे रहे और नबाज पढ़ते रहे। भरनो के जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद मोकतियुर रहमान ने तकरीर की। उन्होंने लोगों से इबादत करने की अपील की। नमाजियों द्वारा रहमत बरकत तरक्की और अमन चैन की दुआ की। इस मौक पर अंजुमन के सदर मो खलील, नूर एहसान, इमाम हुसैन, मिनहाज मिया, एकबाल मियां, मेराज मियां, मुस्ताक आलम, टीपू सुल्तान आदि ने नमाज अदा करने की व्यवस्था की थी। पालकोट में भी अलविदा जुम्मा का नमाज अदा किया गया। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। हाफिज शमशाद अनवर ने नमजा अदा करायी और रमजान के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि तीस दिन रोजा रखने वालों पर अल्लाह की रहमत बरसती है। इस अवसर पर अंजुमन के सदर सगीर मियां, कलामुद्दीन कादरी, हाजी डाक्टर मो. सलाउद्दीन कादरी, जमालुद्दीन कादरी, रिजवान खान, आमिर खान, ललकार हुसैन आदि मौजूद थे।

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