गुमला में छह डिग्री से नीचे उतरा पारा, हाड़ कंपाती ठंड में बेबस जरूरतमंद, रैन बसेरे बने शोपीस
झारखंड के गुमला जिले में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। तापमान छह डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। प्रशासन की ओर से ठंड से बच ...और पढ़ें

गुमला में खाली पड़ा रैन बसेरा। गरीब खुले आसमान के नीचे समय बीता रहे हैं।
जिम्मेदारी निभाने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम
बड़ाइक मोहल्ला का रैन बसेरा हमेशा बंद रहता है
वहीं बड़ाइक मोहल्ला का रैन बसेरा हमेशा ताले में बंद रहता है। अंदर गंदगी पसरी है और रखरखाव के अभाव में भवन जर्जर हो चुका है। लिहाजा फुटपाथों पर लोग सोने को मजबूर हैं। खुले आसमान के नीचे रात बिताने को विवश हैं।
ठंड से बचाव को लेकर नगर परिषद द्वारा चार स्थानों पर अलाव जलाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि कहीं-कहीं दो-चार लकड़ियां जलाकर महज औपचारिकता निभाई जा रही है। पहले जहां दिसंबर की शुरुआत में चौक-चौराहों, बस स्टैंड और अस्पताल परिसरों में अलाव की समुचित व्यवस्था रहती थी, इस बार वह नदारद है।
ग्रामीण प्रखंड क्षेत्रों में भी हालात गंभीर
इधर ग्रामीण प्रखंड क्षेत्रों में भी हालात गंभीर हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई और वाहनों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। शाम छह बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है।
ललित उरांव बस स्टैंड पर मजदूरी करने वाले भीखु भगत और सुखराम सिंह ने बताया कि वे रात यहीं गुजारते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल अलाव, कंबल वितरण और रैन बसेरों की मरम्मत की मांग की है।
कंबल बांटने का काम शुरु कर दिया गया है। दो-चार दिनों के भीतर इसमें तेजी आएगी। जिले को 28600 कंबल प्राप्त हुआ है। ठंड से बचाव के लिए प्रशासन हर संभव कार्य कर रहा है।
ललन रज्क, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग गुमला

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