Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand: राजेश उरांव के बाद एक और एनकाउंटर, पुलिस मुठभेड़ में 5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर लजीम अंसारी ढेर

    By Jagran NewsEdited By: Yashodhan Sharma
    Updated: Sat, 03 Jun 2023 04:53 AM (IST)

    झारखंड के गुमला में चैनपुर प्रखंड अंतर्गत अति सुदूरवर्ती टोंगो सेमरा बरटोली के जंगल में पांच लाख के इनामी नक्सली लजीम अंसारी को पुलिस ने शुक्रवार की शाम एनकांटर में मार गिराया। गुरुवार को पुलिस ने तीन लाख के इनामी राजेश उरांव को एनकाउंटर में मारा था।

    Hero Image
    राजेश उरांव के बाद एक और एंकाउंटर, पुलिस मुठभेड़ में 5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर लजीम अंसारी ढेर

    जागरण संवाददाता, गुमला: झारखंड के गुमला में चैनपुर प्रखंड अंतर्गत अति सुदूरवर्ती टोंगो सेमरा बरटोली के जंगल में पांच लाख के इनामी नक्सली लजीम अंसारी को पुलिस ने शुक्रवार की शाम एनकांटर में मार गिराया ।

    गुरुवार को पुलिस ने तीन लाख के इनामी राजेश उरांव को एनकाउंटर में मारा था। 30 घंटे के भीतर दूसरे नक्सली कमांडर लजीम अंसारी को मारकर बड़ी सफलता हासिल की है।

    जमकर चली मुठभेड़

    पुलिस ने लजीम के पास से रायफल और गोली भी बरामद की। पुलिस और नक्सलियों के बीच शाम से ही मुठभेड़ जारी रही। खबर लिखे जाने तक नक्सली और पुलिस के बीच रह रहकर गोलीबारी होती रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस लजीम के सहयोगियों को भी घेरने में जुटी थी। चार -पांच नक्सलियों के जंगल में छिपे होने की पुख्ता सूचना के बाद पुलिस ने निकटतम थानों को न केवल अलर्ट कर दिया बल्कि भारी संख्या में सुरक्षाबलों को नक्सलियों को घेरने में लगाया गया।

    कौन था लजीम अंसारी?

    नक्सली लजीम गुमला प्रखंड का पनसो गांव का रहने वाला था। पिछले कई वर्षों से क्षेत्र में आतंक मचाए हुए था। एनआइए को भी लजीम की तलाश थी। एनआइए ने लजीम पर एक लाख का इनाम घोषित किया था।

    जबकि, झारखंड पुलिस ने चार लाख का इनाम घोषित कर रखा था। पनसो गांव में उसके द्वारा खरीदी गई उसकी ढ़ाई एकड़ जमीन पर न्यायालय के आदेश पर ने सूचना बोर्ड लगाकर सरकारी जमीन घोषित कर दिया गया है।

    गाय बैल का व्यापारी था लजीम

    लजीम अंसारी गाय बैल का व्यापार करता था। गांव में एक बार भैंस चोरी हुई थी। तब गांव में पंचायती हुई थी , लजीम पर ही चोरी का आरोप लगा था। इसके बाद उसे प्रताड़ित किया गया था। ग्रामीणों ने उसे पेशाब भी पिला दिया था।

    इसके बाद उसने थाना में इसकी सूचना दी थी। लेकिन कोई कारर्वाई नहीं होने पर धीरे धीरे उसका झुकाव नक्सलियों की ओर होने लगा।

    2015 में उसने गांव के ही शैलेश तिवारी की हत्या कर दी थी। नक्सली बनने के बाद उसका उद्देश्य लोगों से बदला लेना था। गांव के लोग भी उससे भय खाते थे।

    टोंगो क्षेत्र में करा रहा था इलाज

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बम बनाने के दौरान बम फटने से घायल होने के बाद वह टोंगो के जंगल को अपना शेल्टर बनाया था।

    वहीं गुप्त तरीके से अपना इलाज करा रहा था। जबकि पुलिस का खुफिया विभाग लगातार नक्सलियों के गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। मौका मिलते ही धावा बोलकर मार गिराया गया।

    पुलिस के लिए बड़ी सफलता

    एसपी डा. ऐहतेशाम वकारिब ने कहा है कि गुमला पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। राजेश उरांव के मारे जाने के बाद पुलिस लगातार इस पर काम करने में जुटी थी। इसका परिणाम है कि दूसरे दिन भी पांच लाख का इनामी नक्सली ढ़ेर हो गया।