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    अंजनी माता संग बाल हनुमान की होती है पूजा

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:54 PM (IST)

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    अंजनी माता संग बाल हनुमान की होती है पूजा

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    रामनवमी आज, नहीं निकलेगा जुलूस, घरों में लोग मनाएंगें त्योहार संवाद सूत्र,गुमला : भगवान शिव के रुद्रवतार और भगवान श्री राम के भक्त हनुमान का जन्म गुमला जिला के आंजन में हुआ था। यहां आज भी माता अंजनी के गोद में बाल हनुमान की पूजा होती है। कहा जाता है कि माता अंजनी श्राप से मुक्ति के लिए जंगल और पर्वत के बीच तपस्या करती थी। यहां 365 तालाब, 365 शिवलिग और 365 महुआ का पेड़ था। अंजनी माता प्रतिदिन अलग-अलग महुआ पेड से टहनी से दातुवन करती, अलग-अलग तालाब में स्नान करती और प्रत्येक दिन अलग-अलग शिवलिग की पूजा करती थी। माता अंजनी आबादी से दूर जंगल के बीच पहाड़ के ऊंची चोटी की गुफा पर हनुमान को जन्म दिया था। यहां की कथाएं रामायण काल से जुड़े होने की भी प्रमाण मिलते हैं। गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित आंजन धाम में यूं तो सालो भर माता अंजनी और बाल हनुमान के पूजन दर्शन के लिए आते हैं लेकिन रामनवमी के अवसर पर आंजन में विशेष पूजा अर्चना होती है। रामनवमी के अवसर पर नीचे आंजन में तीन दिवसीय मेला का आयोजन होता था। ऊपर आंजन से लोग पूजा कर नीचे मेला का आनंद उठाते थे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार मेला नहीं लगेगा। मंदिर में पूजा अर्चना होगी। गुमला बाजार में महावीरी झंडा और बांस की जमकर हुई खरीद बिक्री

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    गुमला : नागवंशी राजाओं की धर्मधानी रही गुमला जिला में पूजा उपासना की पुरानी परंपरा रही है। यहां के लोग शिवभक्त हैं। जगह-जगह शिवलिग और शिवमंदिर इसके प्रमाण हैं। वहीं भगवान शिव के रुद्रवतार और भगवान राम के भक्त हनुमान की पूजा सनातन धर्म में घर-घर पूजा करने और महावीरी झंडा गाड़ने की परंपरा है। इसी परंपरा के मद्देनजर मंगलवार को महावरीरी झंडा, गांस और पूजा सामग्री की जमकर खरीद बिक्री हुई। कोरोना काल के कारण साप्ताहिक हाट पर प्रशासन से प्रतिबंध लगा दिया था जिस कारण पूरा भीड़ शहर में उमड़ रहा था। महावीरी झंडा से गुमला पट गया था। 20 रुपये से एक हजार रुपये तक के महावीरी झंडा बिक रहा था वहीं बांस 25 रुपये से एक सौ रुपये बिक रहे थे। पूजन सामग्री एवं फल आदि की भी जमकर खरीद बिक्री देखा गया। लगातार दूसरे साल नहीं निकलेगी रामनवमी का जुलूस

    कोरोना संक्रमण के कारण गुमला में लगातार दूसरा साल रामनवमी का जुलूस नहीं निकलेगा। हनुमान का जन्मभूमि होने के कारण गुमला और आंजन में रामनवमी का विशेष पूजा अर्चना होता है। गुमला से आंजन तक अंजनी माता और आल हनुमान के दर्शन पूजन के लिए लोगों का तांता लगा रहता है। इस वर्ष कोरोना के कारण आंजन में न तो मेला लगेगा और न ही गुमला में जुलूस निकलेगा।