झारखंड में फिर मॉब लिंचिंग, गुमला में डायन बताकर 4 लोगों को पीट-पीट कर मार डाला
सिसई के सिसकारी गांव में डायन-बिसाही के आरोप में चार लोगों की हत्या कर दी गयी है। मृतकों में 60 वर्षीय चांपा उरांव उसकी पत्नी फीरी उरांव सहित अन्य 2 लोग शामिल हैं।
सिसई (गुमला), जासं। झारखंड में अंधविश्वास के नाम पर हत्याओं का दौर थम नहीं रहा है। ताजा मामला गुमला जिले के सिसई प्रखंड के सिसकारी गांव का है, जहां रविवार सुबह डायन-बिसाही का आरोप लगाकर पंचायत ने चार लोगों की मौत का फरमान सुनाया इसके बाद गांव वालों ने चारो को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। मारे गए लोगों में एक दंपती समेत दो पुरुष व दो महिलाएं शामिल हैं। इनमें दो लोग गांव में झाड़-फूंक और ओझा-गुनी का काम करते थे। इन सभी की उम्र 60 से 70 वर्ष के बीच है।
रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना से गांव समेत पूरे जिले में सनसनी का माहौल है। बताया जाता है कि गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से पहले बैठक कर इन्हें मार डालने का निर्णय लिया और फिर एक-एक कर चारो को घर से निकालकर लाठी-डंडे से पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए गांव के दो लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि घटना को अंजाम देने के बाद बड़ी संख्या में लोग घर छोड़ फरार हो गए हैं।
Jharkhand: 4 persons killed allegedly by 10-12 unidentified miscreants in Gumla. Anjani Kumar Jha, SP Gumla, says, “Prima facie, it appears the victims were involved in witchcraft. Crime seems to have happened because of superstitious beliefs. Investigation underway.” (20.07.19) pic.twitter.com/L5RyrwWIkH — ANI (@ANI) July 21, 2019
गुमला के एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि हत्या के कारणों और हत्या को अंजाम देने वालों का पता लगाने के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है। पुलिस हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए लाठी-डंडे को बतौर सबूत इकट्ठा किया है।
परिजनों के अनुसार मारे गए चारों लोगों में दो भगतई (झाड़-फूंक) का काम करते थे। जिन लोगों की हत्या की गई है उनमें चापा उरांव (69 वर्ष) और उसकी पत्नी पैरों उराईन (62 वर्ष), सुन्ना उरांव (62 वर्ष) और फगनी उराईन (60 वर्ष) के नाम शामिल हैं।
नकाबपोशों ने चारों को घर से निकाला और बाहर से लगा दी कुंडी
पुलिस के अनुसार घटना को अंजाम देने के पहले गांव के अखरा में बैठक की गई। बैठक में इन चार बुजुर्गों की हत्या का फैसला हुआ। बैठक के बाद नौ से बारह नाकाबपोश लोगों ने चारों बुजुर्गों को उनके घर से जबरन बाहर निकाला। इन सभी लोगों ने लाल कपड़े से अपना चेहरा ढक रखा था। चारों बुजुर्गों को घर से बाहर निकालने के बाद उनके घरों के दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद कर दी गई, ताकि उनके परिजन बचाव में बाहर न निकल सकें।
मारे गए दो लोगों के परिजनों ने बताया कि शोर गुल करने या घर से निकलने की कोशिश करने पर नकाबपोशों ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी। हत्या के बाद ग्रामीणों से लेकर ग्राम प्रधान और परिजन भी ज्यादा कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। इससे पुलिस को हत्या का सुराग नहीं मिल पा रहा है। घटना की जानकारी मिलने पर बसिया के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) दीपक कुमार घटनास्थल पर पहुंचे।
बाद में पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने भी घटना स्थल का जायजा लिया। एसपी ने चार लोगों की अंधविश्वास के कारण हत्या किए जाने की पुष्टि की और कहा कि हत्या की घटना को अंजाम देने वालों का जल्द पता लगाकर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल संदेह के आधार पर दो लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। उन दोनों से पूछताछ चल रही है।