झारखंड में नागपुरी के साथ जुल्म हो रहा है : मधु मंसुरी
झारखंड में नागपुरी के साथ जुल्म हो रहा
झारखंड में नागपुरी के साथ जुल्म हो रहा है : मधु मंसुरी
संवाद सूत्र, गुमला : नागपुरी जगत के भीष्म पितामह पद्मश्री मधु मंसुरी हंसमुख ने कहा है कि झारखंड में नागपुरी के साथ जुल्म हो रहा है। शासन और प्रशासन यहां के लोगों को भावनाओं को या तो समझ नहीं पा रहे या फिर यहां एक षडयंत्र के तहत नजर अंदाज किया जा रहा है। गुमला के टैंसेरा स्थित हैरेटिज फाउंडेशन कार्यालय में रविवार को नागपुरी साहित्य संस्कृति मंच की जिला कमेटी गठन के लिए आयोजित बैठक में मधु मंसुरी ने अपने विचार व्यक्त किए। कहा कि नागपुरी भाषा और संस्कृति के लिए नागपुरी भाषा को जाने और समझने की जरूरत है। विलुप्त हो रहे भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्प लेने की जरूरत है। इस अवसर पर राम उचित सिंह, मनोहर मोहंती, लक्ष्मीनाथ बड़ाईक, कृष्ण जीवन पौराणिक, सूरज देव सिंह, महावीर साहु, शंकर नायक, अजय किशोर नाथ पांडेय, चमन बड़ाईक, रामनाथ साहु आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए नागपुरी भाषा संस्कृति पर हो रहे अतिक्रमण के प्रति गहरा चिंता व्यक्त किया गया। बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए मंच के सचिव डा.शकुंतला मिश्रा ने कहा कि एक षडयंत्र के तहत विदेशी शक्ति नागपुरी को समाप्त करने में लगी है। 32 जनजातीय में मात्र चार पांच क्षेत्रीय भाषा है। जाति धर्म से ऊपर है नागपुरी। लेकिन नागपुरी को विलुप्त करने के लिए एक नया भाषा सादरी को भी लाया जा रहा है। उन्होंने नागपुरी भाषा की रक्षा के लिए सर्वे रिपेार्ट के कॉलम में लोगों को नागपुरी भाषा भरने के लिए लोगों से जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नागपुरी की रक्षा के लिए संगठन को मजबूत बनाने की अपील की। सूरजदेव सिंह की अध्यक्षता में तदर्थ कमेटी का गठन किया गया और जिला एवं प्रखंड में संगठन विस्तार करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर नागपुरी से जुड़े लोगों ने गीत संगीत भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन शशि कला पौराणिक ने की। धन्यवाद ज्ञापन महावीर साहु ने किया।