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    Jharkhand News : शिक्षा विभाग का गजब कारनामा, आरोप तय फिर भी केस दर्ज करवाने में लग गए साल; जानिए क्या है मामला

    गुमला में मनमानि सरस्वती वाहिनी माता समिति के खाते से धोखाधड़ी कर राशि की निकासी करने वाले पारा शिक्षक के विरुद्ध आरोप तय होने के बाद केस दर्ज करने में एक साल से भी ज्यादा समय लग गए। आम तौर पर जिले में शिक्षा विभाग के कारनामे हमेशा चर्चा में रहते हैं। घपले-घोटालों के अलावा अधिकारियों की मनमानि और स्वेच्छाचारी भी यहां देखा जा सकता है।

    By Santosh KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 06 Dec 2023 03:15 PM (IST)
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    शिक्षा विभाग का गजब कारनामा, आरोप तय फिर भी केस दर्ज करवाने में लग गए साल

    संतोष कुमार, गुमला। गुमला में शिक्षा विभाग के कारनामे हमेशा चर्चा में रहते हैं। घपले घोटालों के अलावा अधिकारियों की मनमानि और स्वेच्छाचारी भी यहां देखा जा सकता है।

    इसे अधिकारी की लापरवाही कहें या मनमानि सरस्वती वाहिनी माता समिति के खाते से धोखाधड़ी कर राशि की निकासी करने वाले पारा शिक्षक के विरुद्ध आरोप तय होने के बाद एफआइआर दर्ज करने में एक साल से भी अधिक समय लग गए।

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    क्या है पूरा मामला

    एफआइआर दर्ज कराने के लिए अधिकारी को कई बार पत्र लिखना पड़ा तब जाकर प्राथमिकी दर्ज हुई। गुमला प्रखंड के नव प्राथमिक विद्यालय कोयंजारा गढ़टोली के पारा शिक्षक बुद्धेश्वर गोप ने अप्रशिक्षित होने के बाद भी पूर्ण प्रशिक्षित का मानदेय उठाए जाने और विद्यालय का मुहर, चेक बुक लेकर फर्जी एवं नकली हस्ताक्षर कर सरस्वती वाहिनी माता समिति कोयंजारा गढटोली के खाते से 26 हजार रुपये की निकासी 15 अप्रैल 2020 को कर लिया था।

    ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत उपायुक्त से की गई थी। इसे लेकर कार्यपालक दंडाधिकारी रश्मि सोरेन ने विद्यालय जाकर मामले की जांच की। इसके बाद 25 जुलाई 2022 को बिंदूवार रिपोर्ट सौंप दिया था।

    जांच रिपोर्ट में बताया है कि 8-10 सालों तक प्रशिक्षित का मानेदय गलत तरीके से प्राप्त किया गया है। गलत तरीके से चेक द्वारा राशि की निकासी भी की गई है। अप्रैल एवं मई माह 2021 में गलत तरीके से बच्चों की उपस्थिति भी उनके द्वारा बनाया गया है।

    जांच में यह भी पाया गया कि विद्यालय में शौचालय एवं क्लास रूम की उचित व्यवस्था नही है, विद्यालय जाने के रास्ते को गांव वालों ने बंद कर दिया है। विद्यालय में आए दिन विवाद के कारण बच्चों ने विद्यालय आना बंद कर दिया है और छात्रों की संख्या केवल 15 है।

    जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद भी होता रहा पत्राचार

    कार्यपालक दंडाधिकारी द्वारा 15 जुलाई 2022 को ही जांच रिपोर्ट सौंप प्राथमिकी दर्ज करने और विभागीय कार्रवाई करने की बात कही गई थी। जिला स्तरीय बैठक में भी मामले लेकर उपायुक्त और उप विकास आयुक्त द्वारा भी कई बार निर्देश दिया गया था। मामले को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक भी गंभीर दिखे और उन्होंने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गुमला को पत्र प्रेषित कर गुमला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया।

    15 सितंबर 2022 को जिला शिक्षा अधीक्षक ने पत्र देकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गुमला को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी कई जारी कर निर्देश दिया गया था, लेकिन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गुमला द्वारा इस कार्य अपने अधिकारी के निर्देश का भी अनुपालन समय पर नहीं किया।

    आठ नवंबर को दर्ज कराई गई प्राथमिकी

    इस साल 6 नवंबर को दोबार जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गुमला को पत्र जारी कर 24 घंटे में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण दें।

    ऐसे में आठ नवंबर को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गुमला सदर थाना में पारा शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।

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