Bishunpur chunav Result: झामुमो के गढ़ में सेंध नहीं लगा पाई भाजपा,बिशुनपुर सीट पर फिर JMM का कब्जा
झारखंड विधानसभा के लिए साल 2005 से अब तक हो चुके चुनावों में एक बार भाजपा को जीत मिली है। वहीं झामुमो के कद्दावर नेता चमारा लिंडा साल 2009 से लगातार इस सीट से जीत हासिल करते आ रहे हैं। इस बार के चुनाव में भी चमरा लिंडा ने जीत हासिल की है। वो लगातार चौथी बार इस सीट से विधायक चुने गए।

डिजिटल डेस्क,बिशुनपुर। Bishunpur vidhan sabha chunav Result 2024: बिशुनपुर सीट झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से एक है। लोहारदागा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा यह सीट शुरुआत से ही भाजपा और झामुमो के लिए बादशाहत साबित करने का जरिया बनती रही है। बिशुनपुर सीट से बीजेपी ने समीर उरांव को मैदान में उतारा तो वहीं झामुमो से चमरा लिंडा चुनावी मैदान में थे। इस सीट से चमरा लिंडा ने समीर उरांव को 32756 वोटों से हराया।
झारखंड विधानसभा के लिए साल 2005 से अब तक हो चुके चुनावों में एक बार भाजपा को जीत मिली है। वहीं झामुमो के कद्दावर नेता चमारा लिंडा साल 2009 से लगातार इस सीट से जीत हासिल करते आ रहे हैं। बीजेपी ने चमरा लिंडा के विजय रथ को रोकने के लिए समीर उरांव को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। चमरा लिंडा को कुल 100336 वोट मिले तो वहीं समीर को 67580 वोट मिले।
पहले राउंड से चमरा लिंडा को मिली बढ़त
बिशुनपुर विधानसभा से झामुमो प्रत्याशी चमरा लिंडा को 9599 और भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को 6111 मत मिले। पहले राउंड में ही झामुमो प्रत्याशी ने बीजेपी के समीर उरांव को पीछे कर दिया। जैसे-जैसे वोटों की गिनती होती गई दोनों उममीदवारों के बीच वोट का फासला भी बढ़ता गया।
भाजपा समर्थकों कों उम्मीद थी कि शायद वोटों का अंतर कम हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चमरा लिंडा ने समीर उरांव को 32756 वोटों से हराया। चमरा लिंडा को कुल 100336 वोट मिले तो वहीं समीर को 67580 वोट मिले।निर्दलीय उम्मीदवार जगरनाथ उरांव 10899 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे। वहीं चौथे नंबर भी निर्दलीय उम्मीदवार को 5473 वोट मिले। झामुमो प्रत्याशी को जीत मिलते ही उनके समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया।
बिशुनपुर विधानसभा सीट का इतिहास
गुमला जिले का हिस्सा यह क्षेत्र ब्लॉक मुख्यालय होने के कारण जिले की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र भी माना जाता है। यह विधानसभा क्षेत्र क्षेत्र पूर्व में घाघरा ब्लॉक, उत्तर-पश्चिम में पालमू जिला, और दक्षिण में चैनपुर ब्लॉक से घिरा हुआ है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के आसूर, ब्रिजिया, कोर्वा और बिरहार समुदाय के लोगों की संख्या इस इलाके में सबसे ज्यादा है। सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते यहां खेती करने वाले लोग हमेशा नुकसान में रहते हैं। इस क्षेत्र में बॉक्साइट खनिज की खदाने मौजूद हैं।
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