हैवानियत की हद... पिता ने नाबालिग बेटी के साथ एक साल तक किया दुष्कर्म, मां की शिकायत पर गिरफ्तार
गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के एक गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक पिता ने अपनी ही नाबालिग 13 वर्षीया बेटी से एक साल तक दुष्कर्म किया। भयवश नाबालिग एक वर्ष डरी सहमी रही। उसने किसी से भी अपनी पीड़ा नहीं बताई। मामले का खुलासा तब हुआ जब 24 अगस्त को पुनः उसने बेटी को हवस का शिकार बनाया।
संवाद सूत्र, घाघरा(गुमला) । जिले के घाघरा प्रखंड के एक गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक पिता ने अपनी ही नाबालिग 13 वर्षीया बेटी से एक साल तक दुष्कर्म किया।
भयवश नाबालिग एक वर्ष डरी सहमी रही। उसने किसी से भी अपनी पीड़ा नहीं बताई। मामले का खुलासा तब हुआ जब 24 अगस्त को पुनः उसने बेटी को हवस का शिकार बनाया।
इसके बाद पीड़िता की मां एवं मौसी ने साहस जुटाकर बच्ची को लेकर घाघरा थाना पहुंची और लिखित शिकायत दर्ज कराई। घाघरा पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की।
पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया। पीड़िता सातवीं कक्षा की छात्रा है। आरोपित की हरकत की जानकारी पत्नी को भी थी, लेकिन पति द्वारा लगातार दी जा रही जान से मारने की धमकी के कारण वह चुप रही।
24 अगस्त को फिर हुई दरिंदगी के बाद पीड़िता ने घटना की जानकारी अपनी मौसी को दी। क्योंकि डर के कारण मां भी विरोध नहीं कर पा रही थी। मौसी के आगे आने पर उसकी मां का भी साहस बढ़ा।
पीड़िता की मौसी एवं मां पीड़िता को लेकर घाघरा थाना पहुंची। फिर लिखित शिकायत दर्ज कराई।पुलिस से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई शुरू हुई और आरोपित पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
छात्रा संग दुष्कर्म मामले में ट्यूशन शिक्षक को 14 साल कारावास
राब्यू, रांची । पोक्सो के विशेष न्यायाधीश बीके श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को दसवीं की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार ट्यूशन शिक्षक मधुसूदन बैठा को 14 साल कारावास की सजा सुनाई है।
उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने उक्त आरोप में उसे 20 अगस्त को दोषी पाया था। पीड़िता ने घटना को लेकर अरगोड़ा थाना में 12 दिसंबर 2022 को आरोपित शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि वह अपनी सहेली के साथ आरोपित के घर पर ट्यूशन पढ़ने जाती थी।
घटना के दिन उसकी सहेली नहीं आई थी। वह अकेली थी। उसके विरोध के बाद भी शिक्षक ने दुष्कर्म किया। जब वह रोने लगी तो उसने धमकी दी कि वह इस बारे में किसी को न बताए, अन्यथा परिणाम भुगतने होंगे।
घर पहुंची तो आरोपित ने उसके मोबाइल फोन पर कई बार फोन किया। किसी को भी मामले की जानकारी नहीं देने की धमकी दी और उसे फिर से उसके पास आने के लिए दबाव डाला।
इसके बाद उसने पूरी घटना अपने परिवार के सदस्यों को बताई। सुनवाई के दौरान एपीपी ने ठोस गवाही दर्ज कराई। जिसके आधार पर अदालत ने उसे दोषी पाकर सजा सुनाई है।
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