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    नागपुरी भाषा के संरक्षण की हो रही कोशिश

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    Updated: Wed, 29 Aug 2012 12:59 AM (IST)

    गुमला : नागपुरी भाषा के संरक्षण व संव‌र्द्धन के लिए आगामी एक व दो सितम्बर को स्थानीय वीर कुंवर सिंह भवन में दो दिवसीय कविता शब्द चित्र प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित की जाएगी।

    इस कार्यक्रम में नागपुरी साहित्यकार झारखंड रत्‍‌न बीपी केसरी, रांची विश्वविद्यालय हिन्दी विभागाध्यक्ष अशोक प्रियदर्शी, विद्याभूषण, गिरिधारी राम गौंझू, अशोक पागल, विश्वनाथ मूर्तिकार, फादर बनफल आदि शामिल होंगे। यह जानकारी मंगलवार को नागपुरी साहित्यकार साहनी उपेन्द्र पाल सिंह के निर्देशन पर कार्यक्रम के संयोजक हफीजउर रहमान ने दी। श्री रहमान ने कहा कि नागपुरी इस क्षेत्र की प्रमुख भाषा है। इस क्षेत्र के कई साहित्यकारों ने अपनी गीत, कविता व रचना से नागपुरी साहित्य के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है, लेकिन आधुनिकता के चकाचौंध में नागपुरी भाषा गौण होते जा रही है। श्री राम चरितमानस की बज्रभाषा को नागपुरी टीका लिखकर साहनी उपेन्द्र पाल सिंह नहन ने नागपुरी साहित्य के लिए इतिहास रचा है। श्री रहमान का कहना है कि नागपुरी भाषा साहित्य को जन मानस तक ले जाने के लिए यह एक छोटा सा प्रयास है। दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक कमलेश उरांव, उपायुक्त शुभेन्द्र झा करेंगे। इस अवसर पर साहनी उपेन्द्र पाल सिंह नहन, नारायण दास बैरागी आदि उपस्थित थे।

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