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    गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज की आधारशिला रखेगी राज्य सरकार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 20 Mar 2021 05:39 PM (IST)

    जागरण संवाददाता गोड्डा पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप के सवाल पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना ...और पढ़ें

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    गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज की आधारशिला रखेगी राज्य सरकार

    जागरण संवाददाता, गोड्डा :

    पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप के सवाल पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बीते शुक्रवार को झारखंड विधानसभा में बजट सत्र में चर्चा के दौरान गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि आगामी अक्टूबर माह 2021 में राज्य सरकार की ओर से गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज की आधारशिला रखी जाएगी। इसके लिए सरकार ने जिला प्रशासन से जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया है। बीते दिनों पोड़ैयाहाट अंचल की नवडीहा पंचायत के महड़ा मैदान में अंचलाधिकारी मंटू इंग्नियासिस बास्की की ओर से अंचल टीम के साथ वहां 50 बीघा सरकारी जमीन का सर्वेक्षण किया गया था।

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    विधान सभा में बजट कटौती प्रस्ताव के खिलाफ चर्चा में भाग लेते हुए पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने वित्त मंत्री डॉ रामेश्रवर उरांव की उक्त घोषणा की याद दिलाते हुए सरकार से जवाब मांगा कि वित्त मंत्री की ओर से गत 2020 में बजट प्रस्ताव के दौरान गोड्डा सहित राज्य के छह और जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए नर्सिंग कॉलेज के लिए बजटीय प्रावधान किए जाने की बात कही गई थी। सदन में तब सदस्यों ने इसका तालियों से स्वागत किया था। लिहाजा अब सरकार को इसकी आधारिक घोषणा कर देनी चाहिए। विधायक के उक्त सवाल पर आसन की ओर से स्पीकर रवींद्र कुमार महतो ने विभागीय मंत्री बन्ना गुप्ता से जवाब लिया। इसमें मंत्री ने कहा कि गोड्डा सहित राज्य के अन्य छह जिलों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। इसमें गोड्डा में आगामी अक्टूबर माह में नर्सिंग कॉलेज का शिलान्यास कर दिया जाएगा। वहीं शेष जिले में पीपीपी मोड़ पर नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। आइएएस अधिकारियों की ओर से फोन नहीं रिसीव करने पर सदन में हुई तेज बहस : विधायक प्रदीप यादव ने सदन में चर्चा के दौरान यह मामला भी जोर शोर से उठाया कि सूबे के कुछ आइएएस अधिकारी जन प्रतिनिधियों का भी फोन रिसीव करना जरूरी नहीं समझते। इसके लिए विधायक ने केंद्र और राज्य सरकार की नियमावली और प्रोटोकॉल का भी हवाला दिया। कहा कि सांसद, विधायक का प्रोटोकॉल राज्य के मुख्य सचिव से ऊंचा है। ऐसे में कोई आइएएस अधिकारी अगर फोन रिसीव नहीं करे तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है। सरकार को इसके लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि विधायक ने किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया लेकिन इशारे ही इशारे में संबंधित अधिकारी को इंगित कर दिया।