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    संविधान की रक्षा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 26 Nov 2019 06:38 PM (IST)

    जिला मुख्यालय सहित विभिन्न संस्थानों में संविधान दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसीक्रम में नेहरू युवा केंद्र संगठन जिला इकाई क ...और पढ़ें

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    संविधान की रक्षा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी

    गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित विभिन्न संस्थानों में संविधान दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में नेहरू युवा केंद्र संगठन जिला इकाई के तत्वावधान में संविधान दिवस मनाया गया। नेहरू युवा केंद्र के डॉ आस्तिक मिश्रा ने कहा कि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को बाबा साहब ने संविधान सभा के समक्ष लाया था और इसी दिन संविधान सभा में इसे अपनाया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर इसे लागू कर दिया गया । भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया।

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    वहीं नेहरू युवा केंद्र के शानू कुमार ने कहा कि संविधान की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे लिखने में कोई टाइपिग नहीं बल्कि अपने हाथों से कलम के द्वारा लिखी गई है मूल प्रति। भारतीय संविधान की मूल प्रति हिदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित थी। इसमें टाइपिग या प्रिट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। दोनों ही भाषाओं में संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। जब उनसे मेहनताना पूछा गया था तो उन्होंने कुछ भी लेने से इन्कार कर दिया था। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया। मौके पर बालकृष्ण ,प्रीतम , विशाल, भरत, जयश्री, रिया दीपक , मोना, राजकुमार आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।

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    ललमटिया:-मंगलवार को राजमहल परियोजना के एरिया कार्यालय में संविधान दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में राजमहल परियोजना के गणमान्य अधिकारी एवं ट्रेड यूनियन के कई नेता उपस्थित हुए। कार्यक्रम में राजमहल परियोजना के प्रभारी महाप्रबंधक डीके नायक ने कहा कि भारत में संविधान दिवस को राष्ट्रीय विधि दिवस (या समिधा दिवस) के रूप में भी मनाया जाता है। भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों को देशभर में प्रसारित करना है। 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था। यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

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    पथरगामा : मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय में अंचलाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी राजू कमल के नेतृत्व में संविधान सभा दिवस मनाया गया। मौके पर मौजूद तमाम प्रखंड व अंचल कर्मी तथा बाल विकास परियोजना कर्मी एवं आम ग्रामीणों ने वचन ली कि हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक,आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार,अभिव्यक्ति, राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए ²ढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ईस्वी (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी संवत 2006 विक्रमी) एतद् द्वारा हम संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

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    मेहरमा : मंगलवार को स्थानीय एसआरटी कॉलेज धमड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार की मौजूदगी में कॉलेज के प्रशाल भवन में संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने संविधान के रक्षा की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर उपस्थित कॉलेज कर्मियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉक्टर विनोद कुमार ने कहा कि शपथ को सिर्फ औपचारिकता में नहीं लिया जाए अपितु इसके दिखाएं मार्ग पर चलने की जरूरत है। डॉ वीरेंद्र पुरी ने संविधान की प्रस्तावना पर विषद व्याख्या की। इस मौके पर उपस्थित प्रोफेसर दीनानाथ मिश्र, प्रोफेसर महेंद्र राम, डॉक्टर देव, डॉक्टर सीनू राम, डॉक्टर पल्लवी, डॉ जेबा,प्रदीप कुमार आदि ने अपने विचार रखे। ------------------------

    बीआरीजोर : बोआरीजोर प्रखंड मुख्यालय में बी डी ओ सोमनाथ बनर्जी की मौजूदगी में मंगलवार को संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित कर्मी को संविधान की शपथ दिलाई जिसमे हम भारत के लोग, भारत को एक बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्रीय की एकता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर ललन ठाकुर, चांदा रविदास, राजकुमार उरांव, अनीश कुमार,सुबोध कुमार आदि सेविका ,पोषण सखी उपस्थित थे।