'रेलवे में 15 साल के लिए नौकरी' के नाम पर ठगी, पुलिस जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
रेलवे में 15 साल की नौकरी (Railway Jobs) के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस जांच में पता चला है कि बेरोजगार युवाओं को रेलवे में नौकरी दिलाने का झूठा वादा किया जाता था और उनसे पैसे लिए जाते थे। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच कर रही है।

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, गोड्डा। नौकरी के नाम पर शहर के सत्यनगर मुहल्ले में चलने वाले फर्जी सेंटर के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। नगर थाना में बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले मनखुश झा के बयान पर इस मामले में कांड संख्या 228, 25 के बयान पर केस दर्ज किया गया है।
मनखुश भी पहले उसी सेंटर में काम करता था। मनखुश को समीर कुमार ठाकुर के द्वारा राकेश रौशन झा से मिलने को कहा गया था। दर्ज प्राथमिकी में मनखुश ने पुलिस को बताया कि राकेश रौशन ने ही नौकरी (Railway Job) का लालच दिया था।
राकेश का कहना था कि उसके पास अभी बहुत नौकरी है। IRCT का उसके पास टेंडर हैं, जिसमें लड़कों को बहाल करना है। बताया कि कम से कम पंद्रह साल के लिए सबको बहाल करेगा।
इसके बाद मनखुश झा, राकेश रौशन झा के झांसे में आ गया। जिसके बाद आवेदक मनखुश के अलावा भागलपुर के रहने वाले धमेंद्र कर्ण व गोड्डा तिलकनगर मुहल्ले का रहने वाला समीर कुमार ठाकुर ने भी राकेश को बारी-बारी से किसी ने पच्चीस तो किसी के द्वारा पैंतीस हजार की भारी भरकम रकम राकेश रौशन को दी गई।
100 अधिक लड़कों को चंगुल में फंसाया
सभी ठग राकेश के झांसे में आ गए। बताया कि उनके अलावा भी तकरीबन 100 से अधिक लड़कों से किसी से 10 हजार तो किसी से 30 हजार तक की रकम नौकरी लगाने के नाम पर ठगा गया। राकेश के द्वारा गोड्डा के अलावा दुमका के कई लड़कों को नौकरी लगाने के नाम पर झांसे में लिया गया।
यहां बीच-बीच में सबको ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था। यहां तक कि सबको फर्जी बहाली का पेपर भी थमा दिया गया था। ट्रेनिंग के दौरान वेतन दिए जाने का सब्जबाग दिखाया गया था, जिसके झांसे में कई युवा व युवतियां फंस गए।
बताया कि जब ट्रेनिंग के बीच किसी को वेतन आदि नहीं दिया जाने लगा तो सबका शक गहरा गया। सबने पैसे की मांग की तो संचालक राकेश कुमार रौशन वहां से भाग खड़ा हुआ, जिसके बाद पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
फर्जी सेंटर के जरिए होता है खेल
जानकारी के अनुसार इस मामले में राकेश का साथ देने वाले में हटिया चौक के समीप गोड्डा पैथालाजी गली में रहने वाले एक युवक का नाम भी सामने आ रहा है। दोनों के गठजोड़ से यह फर्जी सेंटर चल रहा था।
एक सेंटर का संचालक था तो दूसरा लड़कों को बरगलाकर नौकरी के लिए आमंत्रित करता था। इसके अलावा वहां ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके लड़कों जिनको पुलिस पूछताछ कर रही है की भी इसमें संलिप्तता है, जिसकी तह तक पुलिस को जाना चाहिए।
नामजद युवक राकेश रौशन फरार है लेकिन पुलिस फरार राकेश की खोजबीन कर रही है। दूसरी ओर ठगे गए युवक व युवतियां अपना पैसा सुरक्षित लौटाने की गुहार पुलिस से लगा रही हैं।

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