विदेशों में फैलने लगी गोड्डा के आम की महक
और मिठास से भरपूर लंगड़ा जिसे स्थानीय भाषा में मालदा के नाम से जाना जाता है इसकी मांग भारत

और मिठास से भरपूर लंगड़ा जिसे स्थानीय भाषा में मालदा के नाम से जाना जाता है, इसकी मांग भारत के कई राज्यों के साथ विदेशों में खासकर एशिया, यूरोप, अमेरिका और अरब सहित अफ्रीकी देशों में अधिक है। इन दिनों चीन ,थाईलैंड, इंडोनेशिया समेत 60 से भी ज्यादा देशों में गोड्डा के आम की मांग बढ़ी है। इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारी अशोक कुमार ठाकुर बताते हैं कि कोलकाता के न्यू मार्केट, बड़ा बाजार, मानिकतल्ला, उल्टाडांगा फल मंडियों में करीब सैकड़ों किस्म के कच्चे आमों की बड़ी मंडी लगती है। इनमें लंगड़ा, अलफांसो, दशहरी, चौसा , तोतापरी, सफेदा, हिमसागर, केसर, बंगपाली जैसे स्वादिष्ट आमों का निर्यात प्रतिवर्ष विदेशों में किया जाता है। यहां से कई मैट्रिक टन आज कोलकाता बंदरगाह से निर्यात किया जाता है।
आमों को बैक्टीरिया मुक्त करने के लिए वेपर हीट ट्रीटमेंट, रेडिएशन प्रक्रिया के बाद ही आम को विदेश भेजा जाता हैं। कोलकाता की आम मंडियों में गोड्डा जिले के मालदा आम की जबरदस्त डिमांड है। यही वजह है कि गोड्डा में दूसरे प्रांत के व्यापारी कोलकाता होते हुए विदेशों तक पहुंचा रहे हैं। इधर, कुछेक वर्षो में जिले के किसान भी उत्साहित होकर पुस्तैनी जमीन पर आम के बगीचे लगाकर आत्मनिर्भरता की कहानी लिख रहे हैं। गोड्डा के पोड़ैयाहाट प्रखंड के बाक्सरा, पेटवी, रंगनिया के अलावा गोड्डा सदर प्रखंड के अमलो ,डुमरिया, लोबंधा, रमला, माधुरी आदि गांवों के किसानों के आम इन दिनों विदेश भेजे जा रहे हैं। किसान कैलाशपति साह, प्रेम नंदन मंडल, प्रशांत मंडल, देवेंद्र मंडल, अशोक झा, जय प्रकाश झा, हिमांशु झा, आजाद चौधरी ने उन्नत किस्म के पौधे लगाकर सालाना लाखों रुपये कमा रहे हैं। इससे प्रेरित होकर अन्य किसान भी अपनी जमीन पर धान ,गेहूं आदि की फसल न लगाकर कई एकड़ में आम के विभिन्न किस्म के पौधे लगा रहे हैं
इसी कड़ी में डुमरिया शिव मंदिर बगीचे में पिछले सप्ताह से आम तोड़ने पहुंचे व्यापारी बिहार राज्य के भागलपुर जिला के पीरपैंती मथुरापुर निवासी अमित कुमार सिन्हा ने बताया कि गोड्डा व पोड़ैयाहाट प्रखंड में एक करोड़ से भी अधिक राशि से करीब 50 बगीचे के किसानों के साथ एग्रीमेंट कर तीन से पांच वर्षों तक का करार किया है। विगत सप्ताह से आम तोड़कर कोलकाता समेत रांची व धनबाद की मंडियों में मांग के अनुरूप ट्रकों से भेजे जा रहे हैं। बताया कि जिले में कई व्यापारी इस धंधे में लगे हुए हैं। सबसे बड़ी मांग कोलकाता की मंडियों में है, जहां से मुनाफा ज्यादा होता है।
------------------------ जिले में आम की फसल के लिये उपयुक्त जलवायु व मिट्टी है। राज्य सरकार की तरफ से किसानों की परती बंजर भूमि पर आम के बगीचे लगाने के लिये पौधा दिया गया है। गोड्डा के आम की मांग विदेशों तक होना अच्छी बात है। - सुनील कुमार,
जिला उद्यान पदाधिकारी,गोड्डा
------------ एक आम दैनिक आहार की 40 प्रतिशत को पूरा करता है। हृदय रोग, कैंसर, कोलेस्ट्रॉल रोकने में प्रतिरक्षक का काम करता है। आम में विटामिन ए, सी तथा डी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। कोरोना संक्रमण काल में इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक है। - डॉ. तारा शंकर झा, सदर अस्पताल, गोड्डा।
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