सैलानियों को लुभा रहा गोड्डा का सुंदर डैम
अनंत कुमार गोड्डा साल का अंतिम माह दिसंबर आते ही पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों का आना श्
अनंत कुमार, गोड्डा : साल का अंतिम माह दिसंबर आते ही पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है। क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान पर्यटन स्थलों पर पिकनिक मनाने का दौर शुरू होने लगता है। जिला में ऐसे स्थलों पर चहलकदमी बढ़ी हुई है। गोड्डा में कई ऐसे दर्शनीय स्थल है जहां दिसंबर व जनवरी माह में बड़ी संख्या में सैलानी सपरिवार पिकनिक के साथ घुमने का आनंद उठाते है। मां योगिनी स्थान, दामाकोल सहित राजाभिट्टा स्थित जिला का एकमात्र सुंदर डैम सैलानियों को खुब भाता है। योगिनी स्थान जहां लोग पूजा अर्चना के साथ ही पिकनिक मनाते हैं । वहीं सुंदर जलाशय में सबसे अधिक लोग पिकनिक मनाने के लिए आते है। साल के पहले दिन यहां का नजारा मेला सा रहता है । प्रकृति की गोद में बसी पहाड़ी की तलहटी के नीचे सुंदर डैम की छठा पर्यटकों को खुब भाती है जो दिनोंदिन बेहतर पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित हो रहा है। यहां सुविधा बढ़ती तो और बेहतर होता। यहां कुछ खास सुविधा नहीं है। राजाभिट्टा के डैम तक आने के लिए लोगों को कच्ची टूटी फूटी सड़क से आना पड़ता है। हालांकि इसके बाद भी लोग बड़ी तादाद मे आते है।
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यहां की शांति सुकून पैदा करने वाली :
सुंदर डैम जिला मुख्यालय से महज 25 किमी की दूरी पर स्थित है। गोड्डा से 15 किमी पथरगामा व पथरगामा से पूर्व में 10 किमी की दूरी पर राजाभिट्टा स्थित है जहां पर सुंदर डैम है। राजाभिट्टा से लगभग दो किमी दूरी है। जलाशय की सुंदरता देखते ही बनती है। चारों ओर पहाड़ी जंगल व पानी के बीच-बीच छोटी-छोटी पहाड़ी है। यहां की शांति लोगों को सुकून प्रदान करनेवाली है। सुंदर नदी को बांधकर इस डैम का निर्माण लगभग 15 सौ एकड़ जमीन पर किया गया है । लगभग 12 सौ से अधिक एकड़ भूमि पर जलग्रहण क्षेत्र है। डैम की पानी की क्षमता 30 एमसीएम है जो फिलहाल पूरा भरा हुआ है। जबकि डैम की उंचाई सबसे निचले भाग से लगभग 78 फीट है।
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डैम के विकास को बन रही योजना :
सुंदर डैम में फिलहाल पर्यटक के लिए किसी तरह की कोई खासा सुविधा उपलब्ध नहीं है। इतने बड़े क्षेत्र में पानी रहने के बाद भी नौका विहार जैसी कोई सुविधा नहीं है। डैम के आसपास भी और कुछ सुविधा नहीं है। डैम के विकास व पर्यटक स्थल के रूप विकसित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा योजना बनाई जा रही है । उम्मीद है आनेवाले दिनों में यह जगह पर्यटक स्थल के रूप में और विकसित होगा।
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डैम में पाली जा रही है मछलियां :
सुंदर डैम में पानी की कमी नहीं है। यहां से गोड्डा शहरी जलापूर्ति योजना को पानी मिलना है । इसके साथ ही साथ सुंदर डैम में मछली पालन भी हो रहा है। मत्स्य पालन समितियां डैम की मछली का देखरेख करती है। मछली को आहार देने सहित अन्य गतिविधि को लेकर डैम में बड़े-बड़े डब्बा को बांधकर नौका की सकल में बनाया गया है।
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