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    गोड्डा में मौसम बदला: बारिश थमी, फसलें बर्बाद, गुलाबी ठंड शुरू

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 06:12 PM (IST)

    गोड्डा जिले में मौसम साफ हो गया है, लेकिन मोंथा चक्रवात से हुई 76 मिमी बारिश ने धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है। मौसम वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद ने अगले तीन दिनों तक वर्षा की संभावना से इनकार किया है, लेकिन रात में गुलाबी ठंड का अहसास होने की बात कही है।

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    मोंथा चक्रवात से 76 मिमी बारिश

    संवाद सहयोगी, गोड्डा। जिला में रविवार की दोपहर से मौसम में सुधार हुआ है व मौसम साफ होने लगा है और वर्षा का दौर थम चुका है। जबकि धूप व छांव की स्थिति अगले तीन दिन तक बने रहने की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही रात के तापमान में धीरे धीरे गिरावट होगा। दिन के तापमान में उतार चढ़ाव होगा व लोगों को अब गुलाबी ठंड का अहसास शाम से सुबह के बीच होगा। 

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    इस बाबत केवीके के मौसम सह कृषि वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद ने कहा कि अगले तीन दिन तक वर्षा की संभावना नहीं रहेगी व धूप छांव की स्थिति रहेगी। वहीं कहा कि रात के तापमान गिरावट होगा व गुलाबी ठंड का अहसास होगा सुबह के वक्त धुंध व हल्का कोहरा रह सकता है। 

    रात में न्यूनतम तापमान 18-20 डिग्री सैल्सियस के बीच रह सकता है। इधर वर्षा का दौर थमने व मौसम के खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली है। वही वर्षा से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

    मोंथा चक्रवात का प्रभाव 76 मिमी वर्षा रिकार्ड, धान की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित

    जिले में मोंथा चक्रवात के प्रभाव से तीन दिनों में लगभग 76 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। इस वर्षा ने धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जहां किसानों का ऐन वक्त सारी मेहनत पर पानी फिर गया है व किसान चितिंत है इसके साथ ही पशुपालक भी चितिंत है। इस बैमौसम वर्षा से किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए है अब किसानों ने सरकार के मुआवजा की भी मांग की है। 

    इस बाबत डुमरिया के किसान रामकिंकर झा ने कहा की वर्षा से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है खेतों काट कर रखे गये धान लगभग बर्बाद हो चुके है वही हवा के साथ हुई वर्षा से पके धान भी गिरकर नष्ट हुए है सरकार से मांग है कि नुकसान का सर्वे कर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। 

    यही नहीं अगत्तर रबी की जिन्होंने खेती की है वो भी बर्बाद हो गया है। इस वर्ष जिला में लक्ष्य के विरूद्ध लगभग शत प्रतिशत धनरोपनी हुई थी जहां बंपर उत्पादन की संभावना जताई गई थी लेकिन ऐन वक्त पर वर्षा ने धान की फसल को बर्बाद करने का काम किया है। 

    इस बाबत जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजेश कुमार झा, पूर्व मुखिया कंनभारा परमानंद साह बबलू, ठाकुर शिवेन्द्र सिंह, पवन कुमार झा आदि ने कहा है कि धान की फसल को मोंथा चक्रवात से काफी नुकसान है सरकार व प्रशासन मामले में गंभीरता देिखाते हुए किसानों को उचित मुआवजा की व्यवस्था करें।