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    गोड्डा में SBI CSP संचालक पति-पत्नी ने फर्जी कागजों से 2 लाख हड़पे, मृतक का भाई न्याय की तलाश में

    By Jahanjeb Raji Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 04:46 PM (IST)

    Godda SBI CSP Fraud: गोड्डा में एसबीआइ सीएसपी संचालक और उसकी पत्नी पर एक मृतक के खाते से फर्जी कागजात के जरिए 2 लाख रुपये हड़पने का आरोप है। मृतक के भ ...और पढ़ें

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    हरवारा थाना की पुलिस कर रही मामले की जांच।

    जागरण संवाददाता, हनवारा (गोड्डा)। हनवारा थाना क्षेत्र के खुर्द डुमरिया गांव में लाभुक के बीमा क्लेम राशि के गबन का संगीन मामला सामने आया है। यह मामला न केवल आर्थिक धोखाधड़ी का उदाहरण है, बल्कि एक गरीब परिवार की असहाय स्थिति का फायदा उठाकर सीएसपी संचालक द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का भी पर्दाफाश करता है।

    मृतक मो. परवेज के भाई मो. अजहर ने हनवारा थाना में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रामकोल गांव स्थित एसबीआइ के सीएसपी संचालक मुस्तरी खातून और उनके पति मो. करीम ने सुनियोजित तरीके से मृतक के नाम पर मिलने वाली बीमा राशि हड़पने की साजिश रची।

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    मो. अजहर ने बताया कि उनके भाई मो. परवेज की मौत के बाद परिवार को मिलने वाली बीमा राशि के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार किए जा रहे थे। इसी दौरान आरोपी पक्ष ने अपनी पहुंच का फायदा उठाकर मृतक के सभी जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए।

    आरोप है कि मुस्तरी खातून ने अपने ही भाई मो. आजम को मृतक का असली भाई बताकर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में फर्जी संशोधन करवाया। पिता का नाम तक बदलवाया गया ताकि बीमा क्लेम की प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके। इन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर करीब दो लाख रुपये की राशि बीमा कंपनी से प्राप्त कर आरोपी के खाते में स्थानांतरित कर दी गई।

    पीड़ित परिवार को जब यह धोखाधड़ी का पता चला, तब तक पूरी राशि निकाल ली जा चुकी थी। परिवार ने बीमा पॉलिसी नंबर, क्लेम राशि के खाते और संबंधित दस्तावेजों का पूरा ब्योरा तीन दिन पहले हनवारा थाना में जमा कराया था।

    ग्रामीणों का कहना है कि यह धोखाधड़ी सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि गरीब परिवार के साथ की गई खुली लूट है। पीड़ित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि मामला पूरी तरह पूर्व नियोजित था और इसमें सीएसपी संचालक के पति की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

    गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही पीड़ित परिवार ने थाना में आवेदन दिया था, लेकिन मामले को सामाजिक स्तर पर सुलझाने के प्रयास किए गए। आवेदन के बाद ही मो. करीम को हवालात में बंद किया गया। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले में तत्परता नहीं दिखाई और बिचौलियों के माध्यम से मामले को टालने का प्रयास किया।

    पीड़ित परिवार से प्राप्त आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। दस्तावेजों की सत्यता, बैंक खातों में लेन-देन और आधार कार्ड में हुए संशोधन सहित हर बिंदु की बारीकी से जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मामले की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को भेज दी गई है।-ध्रुव कुमार, थाना प्रभारी