निकाय चुनाव को लेकर हेमंत सरकार ने फिर मांगा समय, OBC आरक्षण रिपोर्ट का दिया हवाला
निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने फिर हाईकोर्ट से समय मांगा है। कोर्ट ने पहले तीन हफ़्तों में चुनाव कराने का आदेश दिया था पर ओबीसी आरक्षण रिपोर्ट न मिलने के कारण सरकार ने समय मांगा। अप्रैल 2023 से निकाय बोर्ड भंग है जिससे शहरी विकास कार्य बाधित हैं और केंद्रीय अनुदान भी नहीं मिल रहा। अब इस मामले में तीन महीने बाद सुनवाई होगी।

जागरण संवाददाता, गोड्डा। निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने एक फिर से हाई कोर्ट से समय मांगा है। पूर्व में बीते चार जनवरी 2024 के फैसले में हाई कोर्ट ने तीन हफ्ता के भीतर चुनाव कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। उनकी मियाद पूरी होने पर कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई थी।
उक्त याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव नहीं कराने पर सरकार को फटकार भी लगाई वहीं राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण काे लेकर जिला वार रिपोर्ट नहीं मिलने का हवाला देकर न्यायालय से समय मांगा है। न्यायालय अब इस मामले में तीन माह बाद सुनवाई करेगा।
बता दें कि अप्रैल 2023 से ही नगर निकाय बोर्ड भंग है। चुनाव नहीं होने से शहरी आबादी कई परेशानियों से जूझ रही है। खास कर प्रमाण पत्र बनाने, स्वच्छता मानकों का अनुपालन करने, निकाय स्तर पर विकास योजनाओं का क्रियान्वयन सहित अन्य प्रशासनिक कार्य चुनाव नहीं होने बाधित हैं। चुनाव नहीं होने से केंद्रीय अनुदान भी निकायों को नहीं मिल रहा है।
स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर रांची की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो बनाम झारखंड सरकार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में जस्टिस आनंद सेन के कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। बीते चार जनवरी 2024 को ही कोर्ट ने तीन हफ्ते में चुनाव कराने का आदेश दिया था।
चुनाव नहीं होने पर इसको लेकर अवमानना याचिका दायर की गई थी। उक्त याचिका पर सुनवाई हुई। प्रार्थी की ओर से विनोद सिंह ने पक्ष रखा, न्यायालय के आदेश के आलोक में केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि अप टू डेट वोटर लिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड को उपलब्ध करा दिया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि 7/8/2024 की तिथि को प्रकाशित वोटर लिस्ट ही झारखंड राज्य के संदर्भ में अप टू डेट वोटर लिस्ट है जिसपर राज्य में विधानसभा का चुनाव कराया गया था, उससे ही झारखंड में शहरी निकाय चुनावों को सम्पन्न कराने के लिए अप टू डेट वोटर लिस्ट मान कर चुनाव सम्पन्न कराया जाए।
इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि वोटर लिस्ट मिल गई अब इसी वोटर लिस्ट पार चुनाव कराए जाएंगे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 12 सप्ताह बाद करने का निर्णय लिया है।
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