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    Jharkhand News: गोड्डा होम्योपैथिक कॉलेज की मान्यता बहाल, नामांकन का रास्ता खुला

    गोड्डा के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परसापानी की मान्यता बहाल हो गई है। राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग (एनसीएच) ने कॉलेज की अपील स्वीकार कर ली है। अब नए सत्र 2025-26 में बीएचएमएस पाठ्यक्रम में 63 सीटों पर नामांकन हो सकेगा। मानकों पर खरा न उतरने के कारण नामांकन पर रोक लगी थी जिसके बाद राज्य सरकार ने एनसीएच में अपील की थी।

    By Vidhu Vinod Edited By: Rajesh Kumar Updated: Tue, 19 Aug 2025 02:21 PM (IST)
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    गोड्डा के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, परसापानी की मान्यता बहाल हो गई है। जागरण

    विधु विनोद, गोड्डा। राज्य के एकमात्र सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, परसापानी, गोड्डा की मान्यता बहाल कर दी गई है। राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग (एनसीएच), नई दिल्ली के सचिव डॉ. संजय गुप्ता ने 18 अगस्त को इस आशय का आदेश जारी किया है। अब यहां बीएचएमएस पाठ्यक्रम में नामांकन का रास्ता साफ हो गया है।

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    कॉलेज के प्राचार्य और आयुष निदेशक के संयुक्त हस्ताक्षर से भेजी गई अपील रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए एनसीएच ने कॉलेज की मान्यता बहाली के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इससे कॉलेज प्रबंधन समेत यहां अध्ययनरत छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

    एनसीएच की मान्यता बहाल होने के बाद अब जेसीईसीईबी (झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद) द्वारा नीट यूजी अभ्यर्थियों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नए सत्र 2025-26 के लिए यहां बीएचएमएस पाठ्यक्रम में 63 सीटों पर नामांकन की अनुमति मिल गई है।

    आपको बता दें कि 24-25 जून को राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग (एनसीएच) की तीन सदस्यीय टीम गोड्डा के परसापानी स्थित राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जांच करने आई थी। इसके बाद टीम की जांच रिपोर्ट पर 2-3 जुलाई को नई दिल्ली से वर्चुअल संवाद के माध्यम से पूरे मामले की सुनवाई हुई।

    इसमें मानकों पर खरा नहीं उतरने पर राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज में नए सत्र में नामांकन पर रोक लगा दी गई है। एनसीएच के होम्योपैथी मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबीएच) के अध्यक्ष डॉ. तारकेश्वर जैन ने कॉलेज के प्राचार्य को इस आशय का पत्र भेजा था। इसमें कॉलेज प्रबंधन को उक्त निर्णय के खिलाफ 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील करने का विकल्प दिया गया था।

    आयोग में अपील करने का समय 2 अगस्त से पहले का था। राज्य सरकार ने इस मामले में तत्परता दिखाई और मान्यता बहाली के लिए निर्धारित समय अवधि के भीतर एनसीएच में अपील दायर कर कॉलेज की मान्यता बहाल कर दी गई है। इसके साथ ही अब नए सत्र में नामांकन का रास्ता साफ हो गया है। 

    शपथ पत्र देकर अपील दायर की गई

    आयुष निदेशक और कॉलेज के प्राचार्य ने अपील में एनसीएच को आश्वस्त करने का प्रयास किया है कि आगामी तीन महीनों में कॉलेज की सभी कमियों को दूर कर दिया जाएगा। शपथ पत्र देकर अपील की गई थी। कॉलेज में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रांची द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया गया था।

    साथ ही, जिला प्रशासन के डीएमएफटी फंड से कॉलेज में चिकित्सा संसाधनों के लिए आवंटन दिया गया था। आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा कॉलेज को दी जाने वाली सामग्री और सुविधाओं सहित तकनीकी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया का विस्तृत विवरण एनसीएच को दिया गया है।

    इससे पहले 7 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने एनसीएच को आश्वस्त किया था कि राज्य सरकार कॉलेज को मानकों पर खरा उतारने के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं और आवश्यकताओं को पूरा करने जा रही है। इससे कॉलेज की स्थिति मजबूत होगी।

    राज्य सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा होम्योपैथी कॉलेज को राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग के मानकों पर खरा उतारने के लिए की गई अपील के बाद, अब आयोग ने कॉलेज की मान्यता बहाल कर दी है।

    एनसीएच के सचिव द्वारा जारी पत्र में इसका आदेश दिया गया है। अब नए सत्र में 63 सीटों पर नामांकन की अनुमति मिल गई है। - डॉ. अशोक पासवान, कार्यवाहक प्राचार्य, राजकीय होम्योपैथी कॉलेज एवं अस्पताल, गोड्डा।